Ukraine-Russia war: पीएम मोदी की बोरिस जॉनसन से बातचीत, यूक्रेन संकट-द्विपक्षीय मुद्दों पर हुई वार्ता

पीएम मोदी ने देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति भारत के विश्वास को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा वैश्विक व्यवस्था का आधार बनाए रखने के लिए इनका पालन करना जरूरी है। 

PM Modi speaks to Boris Johnson, reiterates India’s appeal for cessation of hostilities
यूक्रेन संकट-द्विपक्षीय मुद्दों पर PM मोदी-जॉनसन की बातचीत। -फाइल फोटो  |  तस्वीर साभार: PTI

Modi speaks to Boris Johnson : यूक्रेन संकट पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के साथ बातचीत हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने बातचीत एवं कूटनीति के जरिए समस्या का समाधान निकालने पर जोर दिया। पीएम ने देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति भारत के विश्वास को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा वैश्विक व्यवस्था का आधार बनाए रखने के लिए इनका पालन करना जरूरी है। 

यूक्रेन संकट-द्विपक्षीय मुद्दों पर हुई वार्ता
यूक्रेन में युद्ध के बाद उपजे हालात पर चर्चा करने के अलावा दोनों नेताओं ने आपसी हित के द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेता लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने, कारोबार, तकनीकी, निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग और बढ़ाने पर सहमत हुए। पीएमओ ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता पर दोनों देशों के बीच जारी वार्ता पर प्रधानमंत्री ने संतोष जाहिर किया।   

अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान हो
पीएम ने पिछले साल दोनों नेताओं के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए ‘भारत-ब्रिटेन रोडमैप 2030’ को लागू करने में प्रगति की भी सराहना की। इसबीच लंदन के ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का कार्यालय) के प्रवक्ता की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि जॉनसन ने भारत से क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने के लिए ब्रिटेन के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। माना जाता है कि दोनों नेताओं ने इस पर सहमति जताई कि अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान ही एकमात्र रास्ता है।

रूस-यूक्रेन के बीच जारी है युद्ध
गत 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमला हुआ। रूसी हमलों में यूक्रेन के कई शहर पूरी तरह बर्बाद और तबाह हो गए हैं। रूसी बलों का यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा भी हो गया है। इन हमलों के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक सहित कई प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन इन प्रतिबंधों का रूस पर कोई असर होता नहीं दिखा है। रूस ने युद्ध रोकने के लिए तीन शर्तें रखी हैं जिन्हें यूक्रेन ने मानने से इंकार कर दिया है। हालांकि, दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन इस बातचीत में अभी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। यूक्रेन में मानवीय संकट गहरा गया है। युद्ध से खुद को बचाने के लिए करीब 1 करोड़ यूक्रेनी नागरिकों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है। 
 

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