देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महत्वाकांक्षी परियोजना 'नमामि गंगे' के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश और बद्रीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का डिजिटल लोकार्पण किया। इसके अलावा, उन्होंने हरिद्वार के चंडीघाट में निर्मित 'गंगा अवलोकन' संग्रहालय का भी डिजिटल लोकार्पण किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मां गंगा की निर्मलता सुनिश्चित करने वाले छह बडी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है जिनमें एसटीपी और म्यूजियम जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी कुल लागत करीब 521 करोड़ रुपए है। 'नमामि गंगे' को देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश उस दौर से निकल चुका है जब पैसा पानी की तरह बह जाता था, लेकिन नतीजे नहीं मिलते थे। अब पैसा पानी की तरह नहीं बहता, बल्कि पाई-पाई पानी पर लगाया जाता है।
मोदी ने कहा कि बीते दशकों में गंगा की निर्मलता को लेकर बड़े-बड़े अभियान शुरू किए गए जिनमें न तो जनभागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता और उसका नतीजा यह हुआ कि गंगा का पानी कभी साफ ही नहीं हो पाया। उन्होंने कहा, 'अगर गंगाजल की शुद्धता को लेकर वही पुराने तौर तरीके अपनाए जाते तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती। लेकिन हम नई सोच से आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को केवल गंगा की साफ-सफाई तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बडा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढाया। पहला, गंगा में गंदा पानी रोकने के लिए एसटीपी का जाल बिछाना शुरू किया, दूसरा, ऐसे एसटीपी बनाए जो अगले 10-15 साल की जरूरत भी पूरी कर सकें। उन्होंने कहा कि तीसरा कार्य गंगा के किनारे बसे 100 बड़े शहरों और 5000 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा गंगा की सहायक नदियों में भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना है। मोदी ने कहा कि आज 30,000 करोड़ रुपए की लागत से गंगा परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है। उत्तराखंड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में इस अभियान के तहत बडी परियोजनाएं करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं और पिछले छह वर्षों में ही उत्तराखंड में एसटीपी की क्षमता चार गुना हो चुकी है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ से लेकर हरिद्वार तक गंगा नदी में 130 नाले गिरते थे जिनमें से अधिकतर को रोक दिया गया है। इनमें ऋषिकेश से सटे मुनि की रेती क्षेत्र का चंद्रेश्वर नगर नाला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आज से चंद्रेश्वर नगर में देश का पहला चार मंजिला सीवरेज संयंत्र शुरू हो चुका है। हरिद्वार में भी ऐसे 20 से ज्यादा नालों को बंद किया जा चुका है। मोदी ने कहा कि प्रयागराज की तरह ही अगले साल हरिद्वार में होने वाले कुंभ के दौरान भी श्रद्धालुओं को निर्मल गंगा का अनुभव होगा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत गंगा के किनारे सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है और गंगा विहार के लिए आधुनिक रिवरफ्रंट भी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में तो गंगा रिवर फ्रंट बनकर तैयार है और गंगा म्यूजियम के बनने से हरिद्वार का आकर्षण और बढ़ जाएगा।
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