प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-कोरोना महामारी ने दी है बड़ी सीख, जानें-PM की सरपंचों के साथ बातचीत की मुख्य बातें

देश
आलोक राव
Updated Apr 24, 2020 | 12:05 IST

PM Narendra Modi interacts with Sarpanchs: पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें आत्मनिर्भर बनने की सीख दी है। इस महामारी ने हमें बताया है कि हमें अपनी जरूरतों पूरा करने के लिए हमें खुद की तैयारी रखनी है।

PM Narendra Modi interacts with Sarpanchs know key highlights
पीएम मोदी ने देश के सरपंचों के साथ की बातचीत।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • देश भर के सरपंचों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की
  • पीएम ने कहा कि कोरोना माहामारी ने हमें एक बड़ी सीख दी है, हमें आत्मनिर्भर बनने की सीख दी है
  • पीएम ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि विकास योजनाओं का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश भर के सरपंचों से बात की। इस मौके पर पीएम ने ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और स्वामित्य योजना को लॉन्च किया। सरपंचों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि इन योजनाओं से गांव के आखिरी व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचेगा। पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें आत्मनिर्भर बनने की सीख दी है। इस महामारी ने हमें बताया है कि हमें अपनी जरूरतों पूरा करने के लिए हमें खुद की तैयारी रखनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए ग्राम पंचायतों को सशक्त होना अत्यंत जरूरी है। सरपंचों के साथ बातचीत में पीएम की महत्वपूर्ण बातों पर डालते है एक नजर-  

  1. कोरोना महामारी ने हमें नई शिक्षा और नया संदेश दिया है। मैं हिंदुस्तान के सभी नागरिकों को एक महत्वपूर्ण संदेश देना चाहता हूं। कोरोना संकट ने सबसे बड़ा सबक दिया है। इसने हमें सीख दी है। हमें उस रास्ते पर चलने के लिए दिशा-निर्देश दिया है। हमने पाया है कि अब हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा। बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों को झेल पाना मुश्किल हो जाएगा। गांव, जिला और राज्य अपने स्तर अपने मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बनें।
  2. भारत में ये विचार सदियों से रहा है लेकिन बदली हुई परिस्थितियों ने हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए याद दिलाया है। इसमें ग्राम पंचायतों की बहुत बड़ी भूमिका है। पंचायत की व्यवस्ता जितनी मजबूत होगी उतना ही लोकतंत्र भी मजबूत होगा। उतना ही विकास का लाभ आखिरी व्यक्ति के सामान्य व्यक्ति तक पहुंचेगा। पंचायती राज व्यवस्था की संरचना को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने लगातार काम किया है।
  3. एक दौर वह भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं। सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक आज ब्राडबैंड पहुंच चुका है। कॉमन सेंटर सेंटर्स की संख्या तीन लाख को पार कर गई है। भारत में  मोबाइल बनाने के अभियान से गांव गांव तक कम कीमत वाले स्मार्टफोन पहुंच चुके हैं। गांव और शहरों की दूरी करने के लिए सरकार द्वारा दो बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। एक है ई ग्राम स्वराज पोर्टल दूसरी है स्वामित्य योजना की शुरुआत। यह ग्राम पंचायतों के संपूर्ण डिजटलीकरण का प्रयास है। 
  4. ई ग्राम स्वराज पोर्टल से ग्राम पंचायतों में पारदर्शित बढ़ेगी। इससे रिकॉर्ड रखने का काम सरल हो जाएगा। ग्राम पंचायत में कौन से विकास कार्य हो रहे हैं। वे कहां तक पहुंचे। इन सबके बारे में जानकारी ग्रामीणों को मिल सकेगी।
  5. स्वामित्य योजना गांव में संपत्ति विवाद स्वामित्य योजना से गांवों की प्रत्येक संपत्ति का ड्रोन से मैपिंग की जाएगी। स्वामित्व योजना से गांव के लोोगं को अनेक लाभ होंगे। संपत्ति को लेकर भ्रम की स्थिति दूर हो जाएगी। झगड़े खत्म हो जाएगी। इससे ग्राम विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। इससे शहरों की तरह गांव में भी बैंकों से कर्ज लेना आसान हो जाएगा। 
  6. आज अनेक पंचायतों को अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कार मिले हैं। मैं सभी को बधाई देता हूं। पंचायती राज दिवस गांव तक सुराज पहुंचाने के हमारे संकल्प को दोहराने का अवसर होता है। इस समय यह संकल्प कई गुना बढ़ गया है। कोरोना ने नई-नई मुसीबतें पैदा की हैं। 
  7. कोरोना महामारी ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। पहले हम लोग किसी कार्यक्रम में आमने-सामने मिलते थे लेकिन वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करना पड़ा रहा है। 
  8. आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।
  9. इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है।
  10. ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है।
     

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