खूब हुआ बीजेपी बनाम कांग्रेस, योगी बनाम प्रियंका, लेकिन क्या मजदूरों को मिल पाईं बसें?

देश
लव रघुवंशी
Updated May 20, 2020 | 12:10 IST

Politics over Priyanka Gandhi's 1000 buses: प्रियंका गांधी द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों के प्रस्ताव के बाद से इस पर जमकर राजनीति हो रही है, लेकिन मजदूरों को अब तक बसें नहीं मिली हैं।

Priyanka Gandhi-yogi adityanath
बसों को लेकर राजनीति 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 16 मई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस की तरफ से 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी। इसी के बाद से आज यानी 20 मई तक जो राजनीति शुरू हुई है, वो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पहले तो योगी सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन बाद में इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और बसों की जानकारी मांगी।

कांग्रेस की तरफ से भी बसों की जानकारी दी गई, लेकिन इस पर यूपी सरकार ने कहा कि कांग्रेस ने 1000 से अधिक बसों का जो विवरण मुहैया कराया उनमें कुछ दोपहिया वाहन, एंबुलेस और कार के नंबर भी हैं। इस पर कांग्रेस ने कहा कि उसकी ओर से मुहैया कराई गई सूची में उत्तर प्रदेश सरकार ने खुद 879 बसों के सही होने की पुष्टि की है और उसे अब इन बसों को चलाने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए।

खूब लिखे जा रहे पत्र
इस बसों को लेकर उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी और प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के बीच खूब पत्राचार हुआ। बाद में तय हुआ कि कांग्रेस नोएडा-गाजियाबाद बसों को पहुंचाएगी। लेकिन बाद में कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि बसें राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं और आगरा जिले में प्रवेश की अनुमति का इंतजार कर रही हैं।

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यूपी कांग्रेस अध्यक्ष पर केस
आगरा बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बसों को अनुमति दिलाने के लिए जमकर प्रदर्शन किया, इसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ महामारी एक्ट में मामला दर्ज किया गया। बसों के प्रवेश की मांग को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और प्रदेश अध्यक्ष ने फतेहपुर सीकरी और भरतपुर रोड पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

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प्रियंका का योगी पर तंज
इस मामले पर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, 'यूपी सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों को मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएँ सामने रख दिए। योगी आदित्यनाथ जी इन बसों  पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं। और इन्हीं तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।'

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भाजपा ने लगाया आरोप
वहीं भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रवक्‍ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर एक हजार बसों की चलाने की अनुमति मांगी थी, खैर सरकार ने बिना देर किए अनुमति भी दे दी। सूची मिली तो पता चला कि जिन बसों से प्रियंका गांधी मजदूरों को उनके घर पहुंचाना चाहती थी असल में वो बसें नहीं बल्कि 'सड़क पर दौड़ती मौत' होती। उन्‍होंने कहा- 'प्रियंका गांधी वाड्रा ने जिन बसों की सूची उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी थी उनमें 79 बसें ऐसी थी जो सिर्फ हादसों को दावत देती। दावत इसलिए क्योंकि वो बसे पूरी तरह कंडम हो चुकी थी। जो कभी भी किसी भी हादसे का गवाह बन जाती। कांग्रेस पार्टी की 297 बसें या तो कंडम हो चुकी थी या फिर जिनका फिटनेस और बीमा समाप्त हो चुका था। मजे की बात तो यह है कि 100 बसों की डिटेल जब खंगाली गई तो उनमे एंबुलेंस, ट्रक, डीसीएम, थ्री व्हीलर ऑटो जैसे वाहन शामिल थे। यानि उनकी गिनती बसों में होती नहीं हैं। और तो और 70 बसों के बारे में सरकारी रिकॉर्ड ही नहीं है।' 

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