पटना में लगे नीतीश कुमार के 'लापता' होने के पोस्टर्स, CAA, NRC पर 'चुप्पी' पर उठाए सवाल

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Updated Dec 17, 2019 | 12:39 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

NItish Kumar posters in Patna : नागरिकता संशोधन विधेयक का जद-यू ने समर्थन किया है। इस समर्थन के बाद नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं।

Posters mocking Nitish Kumar's silence over CAA NRC put up across India पटना में लगे नीतीश कुमार के 'लापता' होने के पोस्टर्स, CAA, NRC पर 'चुप्पी' पर उठाए सवाल
Nitish Kumar : बिहार में लगे नीतीश कुमार के पोस्टर्स।  |  तस्वीर साभार: ANI

पटना (बिहार) : नागरिकता संशोधन कानून पर 'चुप्पी' साधने के लिए पटना के स्थानीय नागरिकों ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा है। नागरिकों ने राजधानी में नीतीश कुमार के 'लापता' होने के पोस्टर लगाए हैं। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर 'मौन' हैं। पोस्टर में कहा गया है कि 'जो कोई भी नीतीश कुमार को ढूंढेगा उसका बिहार सदा आभारी रहेगा।'

पटना में अज्ञात लोगों ने मुख्यमंत्री की बड़ी तस्वीर के साथ पोस्टर्स लगाए हैं। इस पोस्टर में लिखा गया है, 'सीएबी और एनआरसी पर नीतीश कुमार मौन हैं। इस चेहरे को गौर से देखें। ध्यान से देखिए इस चेहरे को कई दिनों से ना दिखाई दिया ना सुनाई दिया। नीतीश कुमार को ढूंढने वाले का बिहार सदा अभारी रहेगा।' एक दूसरे पोस्टर में लिखा गया है, 'गूंगे, बहरे और अंधे मुख्यमंत्री...लापता, लापता, लापता।'

बता दें कि संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का जद-यू ने समर्थन किया है। इस समर्थन के बाद नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। सीएबी पर जद-यू के रुख को पार्टी के अन्य लोगों ने सही नहीं माना है। जद-यू के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा और पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने अपनी असहमति जाहिर की है। किशोर ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की जिसे पार्टी ने स्वीकार नहीं किया।

जद-यू प्रमुख से मुलाकात के बाद किशोर ने कहा, 'नीतीश कुमार ने कहा कि हम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के पक्ष में नहीं हैं और नागरिकता संशोधन कानून के साथ कोई समस्या नहीं है लेकिन एनआरसी के साथ देखने पर यह भेदभाव पैदा करने वाला बन जाता है।' गत 11 दिसंबर को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने से एक दिन पहले प्रशांत किशोर ने विधेयक के समर्थन पर अपने पार्टी को दोबारा विचार करने के लिए कहा था। 

नागरिकता संशोधन विधयेक राज्यसभा से पारित होने और इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून बन गया है। हालांकि, इस कानून के खिलाफ असम, पश्चिम बंगाल सहित देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली में प्रदर्शन हिंसक हो गया। उपद्रवियों ने राजधानी में चार बसों में आग लगा दी।

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