नई दिल्ली: केरल के मलप्पुरम से हाल ही में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया जहां एक हथिनी के साथ क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उसकी जान ले ली गई। मलप्पुरम के कुछ लोगों ने हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई बेहद दुखद ये कि यह हथिनी प्रेग्नेंट थी और इससे उसके बच्चे की भी जान चली गई।
इस शर्मनाक घटना का हर कोई विरोध कर रहा है और लोग इस घटना से स्तब्ध हैं, लोगों के मन में उन लोगों के खिलाफ गुस्सा है, जिन्होंने यह किया। लोग मल्लपुरम के उन लोगों की आलोचना कर रहे हैं जिन्होंने महज अपने मनोरंजन की खातिर एक बेजुबान जानवर की जान ले ली, ना सिर्फ उसकी बल्कि उसके गर्भ में पल रहे उसके बच्चे की भी मौत इस हादसे में हो गई।
वहीं बीजेपी सांसद और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी भी इससे काफी नाराज हैं और सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ नाराजगी जताते हुए लिखा है कि मल्लपुरम भारत का सबसे हिंसक जिला है...
हाथिनी की मौत पर मेनका गांधी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया कहा राहुल गांधी उस क्षेत्र से हैं, उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की?
केरल के मलप्पुरम जिले में ये घटना सामने आई है यहां एक हथिनी को कुछ लोगों ने मनोरंजन के चलते उसे बारुद से भरे अनानास (Pineapple) खिला दिए, उस हथिनी ने भी फल समझकर उसे खा लिया। सबसे ज्यादा दुखद बात ये कि वो हथिनी प्रेग्नेंट (Pregnant Elephant) थी, वो अनानास उसके मुंह में जाते ही फट गया जिसकी वजह से उसका मुंह बेहद जख्मी हो गया और वो बेहाल हो गई।
इस घटना का जिक्र एक वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है उन्होंने बताया कि यह हथिनी खाने की तलाश में जंगल से बाहर पास के गांव में चली गई थी जहां वह खाने की तलाश मे थी कि वहां के कुछ लोगों ने उसे पटाखों से भरा हुआ अनानास खाने के लिए दिया जो उसके मुंह में जाकर फट गया। मोहन कृष्णन्न नेआगे लिखा, 'वन विभाग अपने साथ दो हाथियों को लेकर गया ताकि उसे नदी से बाहर निकाल सकें लेकिन उसने किसी को अपने नजदीक नहीं आने दिया।'
दर्द से कराहती हथिनी आखिर में वहां की एक नदी में जाकर खड़ी हो गई, उसने दर्द से बचने के लिए अपना मुंह पानी में डाल रखा था ताकि उसे दर्द में थोड़ी राहत मिल सके मगर ऐसा हो ना सका वो असहनीय पीड़ा को बर्दाश्त करती रही। अनानास में रखे पटाखे इतने भयानक थे कि उसकी जीभ और मुंह बुरी तरह से जख्मी हो गए, हथिनी दर्द और भूख के मारे घूमती रही और अपनी चोट की वजह से वह कुछ खा भी नहीं पा रही थी और बेहाल थी।
बहुत ज्यादा कोशिश किए जाने के बाद भी वह बाहर नहीं आई और 27 मई को पानी में खड़े-खड़े उसके प्राण निकल गए, इसके बाद उसे एक ट्रक में वापस वन में ले जाया गया, जहां उसे अंतिम विदाई दी गई उस असहनीय पीड़ा को याद किया गया जिससे वो प्रेग्नेंट हथिनी गुजरी होगी।
साभार-Mohan Krishnan_Facebook
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