Priyanka Gandhi बोलीं- किसी के पास किसी की भारतीयता का सबूत मांगने की इजाजत नहीं है

देश
लव रघुवंशी
Updated Dec 22, 2019 | 22:53 IST

Priyanka Gandhi in Bijnor:नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचीं प्रियंका गांधी ने कहा कि किसी को किसी से भारतीयता साबित करने के लिए प्रमाण मांगने की इजाजत नहीं है।

Priyanka Gandhi
मृतक के परिजनों से मिलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 

बिजनौर (उत्तर प्रदेश) : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि किसी की भारतीयता साबित करने के लिए किसी को भी प्रमाण मांगने की अनुमति नहीं है। 20 दिसंबर को बिजनौर में इस कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान मारे गए अनस और सुलेमान के परिजनों से मिलने के बाद प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, 'भारतीयता का जो सबूत है उसको मांगने की इजाजत नहीं है किसी को।'

उन्होंने कहा, 'मैं दुखी परिवारों के साथ खड़ी हूं। मैं हर उस परिवार के साथ खड़ी हूं, जिसके साथ गलत हुआ है। सभी गरीब मजदूर गृहस्थ थे। छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।' 

कांग्रेस महासचिव ने इस घटना की जांच की मांग करते हुए पूछा कि ये मौतें कैसे हुईं। प्रियंका ने कहा, 'कई लोग मारे गए हैं। कई अस्पताल में हैं, लेकिन मृतक के परिजनों से मिलने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से कोई नहीं आया। उन्हें कोई नहीं सुनता। आज उन्हें सुनने का समय है। इस दुख की घड़ी में उन्हें गले लगाओ और उनका साथ दो।' 

प्रियंका गांधी ने दावा किया कि पहले पुलिस ने गोली चलाई, उसके बाद पथराव हुआ है। यह सीधे तौर पर हत्या का मामला है। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना संवैधानिक अधिकार है। कांग्रेस इस मामले को संसद में उठाएगी और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाएंगे। 

उन्होंने कहा कि आज भयंकर बेरोजगारी है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। इन समस्याओं का समाधान देने के बजाय, भाजपा सरकार प्रत्येक भारतीय से यह साबित करने के लिए कह रही है कि आप एक भारतीय हैं। यह कानून गरीब विरोधी है। शहर के स्लम में रहने वाले लोग 1971 से पहले के दस्तावेज कैसे मुहैया कराएंगे। 

नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़क उठी और पथराव, आगजनी और बर्बरता की घटनाओं से 15 लोगों की मौत हो गई।

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