30 दिसंबर को सरकार से बातचीत के लिए तैयार हुए किसान, मांगों को लेकर बने हुए हैं दृढ़

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Updated Dec 28, 2020 | 21:47 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Farmers: नए तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे किसानों ने 30 दिसंबर को वार्ता करने के लिए सरकार के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है। हालांकि किसान अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं।

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किसान आंदोलन 
मुख्य बातें
  • किसान 30 दिसंबर को वार्ता के लिए सरकार के प्रस्ताव पर सहमत हुए
  • किसान पहले 29 दिसंबर को वार्ता चाहते थे
  • एक महीना पूरा होने पर किसानों ने कहा कि वे लंबे समय तक डटे रहने के लिए तैयार हैं

नई दिल्ली: आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने 30 दिसंबर को अगले दौर की वार्ता के लिए सरकार के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है। हालांकि उनका कहना है कि बैठक के एजेंडे में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर तरीकों पर चर्चा करना शामिल होना चाहिए। सरकार ने सोमवार को किसान संगठनों को 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में वार्ता के लिए बुलाया। इसके कुछ घंटों बाद ने किसानों ने भी सहमति व्यक्त की। इससे पहले किसानों ने 29 दिसंबर को बातचीत करने का प्रस्ताव रखा था।

संयुक्त किसान मोर्चा के एक सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, 'किसान केंद्र द्वारा प्रस्तावित तिथि पर बैठक के लिए जाने को तैयार हो गए हैं। 26 दिसंबर को सरकार को भेजे गए हमारे पत्र में हमने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी ताजा वार्ता के एजेंडे का हिस्सा होना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद आज सरकार ने पत्र में किसी विशेष एजेंडा का उल्लेख नहीं किया है। लेकिन, हम सरकार के साथ बातचीत करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं।'

5 दिसंबर को हुई थी आखिरी वार्ता

सरकार और किसानों के बीच पिछली औपचारिक बैठक 5 दिसंबर को हुई थी, जिसमें किसान संगठनों के नेताओं ने तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मुख्य मांग पर सरकार से हां या ना में स्पष्ट रूप से जवाब देने को कहा था। वार्ता बहाल करने के लिए किसान संगठनों के प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा, 'सरकार भी एक स्पष्ट इरादे और खुले मन से सभी प्रासंगिक मुद्दों का एक तार्किक समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।' बैठक के लिए किसान संगठनों द्वारा प्रस्तावित एजेंडे के बारे में सचिव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों, (फसलों की) एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) खरीद प्रणाली और विद्युत संशोधन विधेयक तथा दिल्ली/एनसीआर(राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अध्यादेश पर विस्तृत चर्चा होगी। 

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