पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की तरफ से कहा गया है कि सीएम भगवंत मान ने कहा कि उनके आदेश पर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी कुछ दिन पहले दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए गए थे। इस मुद्दे पर बेवजह हल्ला मचाने के विरोध में मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी जरूरत होगी वह अधिकारियों को उनके प्रशासनिक कौशल और विशेषज्ञता को तेज करने के लिए भेजेंगे। सीएम भगवंत मान ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली क्षेत्र में दिल्ली सरकार के सुधार बेजोड़ हैं और उनसे प्रशिक्षण लेने में कोई बुराई नहीं है।
दरअसल, हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के नौकरशाहों के साथ बैठक की थी। इसे लेकर विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सवाल उठाए थे।
पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह (पंजाब) सरकार चंडीगढ़ से नहीं दिल्ली से चल रही है। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्य सचिव, बिजली सचिव (दिल्ली में) को फोन किया था। यह असंवैधानिक है और पंजाब पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण है। सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार या पुलिस से कोई नहीं डरता। सरकार 'दबदबा' या 'जलजला' से चलती है लेकिन आपके पास ऐसा कुछ नहीं है। कोई भी आपको सरकार के रूप में गंभीरता से नहीं ले रहा है। आप लोगों को कैसे सुरक्षित करेंगे?
केजरीवाल ने पंजाब बिजली विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ पीएसपीसीएल प्रमुख के मुख्य सचिव से मुलाकात की थी। मान इस बैठक के दौरान मौजूद नहीं थे। बताया जाता है कि इस बैठक में पंजाब में 300 यूनिट फ्री बिजली योजना को लेकर चर्चा की गई। इसके एक दिन बाद 12 अप्रैल को मान ने आप प्रमुख से मुलाकात की थी। बाद में मान ने ट्वीट कर कहा था कि केजरीवाल के साथ उनकी अच्छी मुलाकात हुई, और कहा कि वह जल्द ही राज्य के लोगों को अच्छी खबर देंगे। ट्विटर पर मान को जवाब देते हुए केजरीवाल ने लिखा कि हम दिल्ली, पंजाब और पूरे देश को बदलने के लिए मिलकर काम करेंगे।
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