नई दिल्ली : पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी टकराव कांग्रेस नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बन गया है। पंजाब के इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच कलह खुलकर सामने आ गई है। अपने इन दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने के लिए कांग्रेस हाई कमान ने एक तीन सदस्यीय समिति बनाई है। इस समिति के नेताओं से कैप्टन और सिद्धू मुलाकात कर चुके हैं लेकिन दोनों अपने रुख से पीछे हटने और एक दूसरे के साथ आने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस के लिए अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है।
आज सोनिया से मिलेंगे कैप्टन
कांग्रेस आलकमान इस संकट का समाधान चाहता है। इसलिए अब इस समस्या का हल निकालने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने दखल दिया है। राहुल ने सोमवार को प्रदेश के पार्टी नेताओं से मुलाकात की जबकि मुख्यमंत्री अमरिंदर आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। पंजाब में कैप्टन और सिद्धू के बीच जारी टकराव को सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में एक समिति बनाई है। इस समिति के सामने कैप्टन और सिद्धू दोनों बारी-बारी से पेश हो चुके हैं। दोनों ने अपनी चिंताओं से समिति को अवगत कराया है। समिति के प्रयासों के बावजूद दोनों नेताओं के रुख में नरमी नहीं आई है।
सोमवार को प्रदेश नेताओं से मिले राहुल
पंजाब कांग्रेस के इस संकट को देखते हुए अब राहुल और सोनिया ने दखल दिया है। राहुल ने सोमवार को दिल्ली में अपने आवास पर कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला, मंत्री राजकुमार वेरका, चरणजीत सिंह चन्नी और विधायक कुलजीत नागरा से मुलाकात की। इस बैठक में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद थे। सोनिया गांधी मंगलवार को कैप्टन अमरिंदर और पंजाब के अन्य नेताओं से मिलने वाली हैं। दरअसल, सिद्धू गांधी परिवार के करीबी हैं, कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि कैप्टन अमरिंदर उनके लिए अपना रुख थोड़ा नरम करें और उन्हें साथ लेकर चलें लेकिन अमरिंदर अपने रुख पर अड़े हुए हैं।
अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं कैप्टन-सिद्धू
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राहुल विधायक परगट सिंह सहित राज्य के अन्य नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह कैप्टन के मुखर आलोचक हैं। पंजाब कांग्रेस के कई नेता आलाकमान से मिलना चाहते हैं। पार्टी अब इन नेताओं को मिलने और उनकी बात सुनने के लिए बुला रही है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। कैप्टन अमरिंदर यह चुनाव पूरी तरह से अपने चेहरे पर लड़ना चाहते हैं। वह प्रदेश कांग्रेस में सिद्धू को कोई बड़ा पद देने के पक्ष में नहीं हैं। जबकि सिद्धू का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में वह कैप्टन के साथ नहीं आ सकते। इसके लिए उनकी चिंताओं का समाधान होना जरूरी है।
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