चंडीगढ़ (पंजाब) : दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों जैसे भूमिगत जल और पर्यावरण के संरक्षण के लिए पंजाब सरकार ने धान की सीधी बुआई (Direct Seeding of Rice यानी DSR) तकनीक के जरिये अपने खेत में धान बोने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए कुल 450 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की है। राज्य सरकार ने DSR अपनाने वाले किसानों को 1500 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।
सीएमओ के अनुसार, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कृषि विभाग को 2022 में धान की पारंपरिक पोखर रोपाई के बजाय करीब 12 लाख हेक्टेयर को इस नई टैक्नोलॉजी DSR के तहत लाने के लिए ठोस प्रयास करने का निर्देश दिया। सरकार डीएसआर को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि इसे सिंचाई के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है, रिसाव में सुधार होता है, कृषि श्रम पर निर्भरता कम होती है और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है और इस तरह धान और गेहूं दोनों की उपज 5-10 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
गौर हो कि राज्य भर के किसान इस खरीफ सीजन के दौरान 30 लाख हेक्टेयर (75 लाख एकड़) के क्षेत्र में बासमती सहित धान की खेती करेंगे। उक्त उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, राज्य सरकार ने किसानों को इस पर्यावरण के अनुकूल टैक्नोलॉजी को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए कृषि, बागवानी, मंडी बोर्ड और जल और मृदा संरक्षण समेत विभिन्न विभागों के करीब 3000 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना ने राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों को DSR टैक्नोलॉजी के बारे में एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया। सीएम मान ने कृषि विभाग को किसानों को चूहा-नियंत्रण कीटनाशक मुफ्त में उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है, क्योंकि वे अक्सर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
इस बीच, निदेशक कृषि गुरविंदर सिंह ने बताया कि DSR टैक्नोलॉजी फसलों के पूरे जीवन चक्र के दौरान पारंपरिक पोखर (कद्दू) विधि की तुलना में करीब 15-20 प्रतिशत पानी बचाने में मदद करती है।
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