Rahul Gandhi on PM Modi: राहुल बोले- यदि जमीन चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए?

देश
किशोर जोशी
Updated Jun 20, 2020 | 09:41 IST

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसा और 20 जवानों की शहादत को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

Rahul Gandhi attacks on PM Modi says If the land was chinese Why were our soldiers killed
राहुल बोले- यदि जमीन चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए? 
मुख्य बातें
  • राहुल ने गलवान घाटी की हिंसा को लेकर फिर से साधा केंद्र सरकार पर निशाना
  • राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर लगाया चीन के आगे आत्मसमर्पण करने का आरोप
  • राहुल बोले- अगर जमीन चीन की तो फिर भारत के जवान क्यों हुए शहीद

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों केंद्र सरकार पर हर रोज हमला कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में हुई चीनी और भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प को लेकर एक बार फिर राहुल ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए सवाल किए हैं। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन के आगे आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया है।

राहुल के सवाल

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से दो सवाल भी पूछे। राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने चीनी आक्रमण के सामने भारतीय क्षेत्र को लेकर आत्मसमर्पण कर दिया है। यदि वह जमीन चीन की थी तो- 1. हमारे सैनिक क्यों मारे गए? 2. हमारे सैनिक कहां मारे गए?' इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि गलवान घाटी में सैनिकों को ‘शहादत के लिए निहत्था’ क्यों भेज दिया गया?

सोनिया गांधी ने भी साधा था निशाना

 इससे पहले शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी गलवान घाटी में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार से कई सवाल किए थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ब्योरे को लेकर नेता अभी तक अंधेरे में हैं। उन्होंने खुफिया रिपोर्ट तथा अन्य संबंधित मामलों को लेकर भी सरकार से सवाल किए। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि सरकार यह आश्वासन दे कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बहाल होगी और चीनी सैनिक अपनी पुरानी जगह पर लौटेंगे।

विदेश मंत्री ने दिया था राहुल को जवाब

 राहुल गांधी के बयान का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा था, 'हम तथ्यों को स्पष्ट कर लें। सीमा ड्यूटी पर सभी सैनिक हमेशा अपने पास हथियार रखते हैं, खासकर जब वे चौकी से बाहर निकलते हैं। जवानों ने 15 जून को गलवान में भी ऐसा किया था। उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से चले आ रहे चलन (1996 और 2005 के समझौतों के अनुसार) टकराव के दौरान आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं किया जाता।'

20 सैनिक हुए थे शहीद
आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार रात दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले में चीन के 40 से अधिक सैनिकों के मारे और घायल होने की भी खबर है हालांकि चीन ने इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर क्रूरतापूर्ण हमले करते हुए पत्थरों, कांटेदार छड़ियों, लोहे की छड़ों आदि का इस्तेमाल किया था। 

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