रेलवे घोटाला: लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों समेत 15 अन्य व्यक्तियों पर CBI ने दर्ज किया केस

रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने के आरोप में सीबीआई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी व पूव सीएम राबड़ी देवी व उनकी दो बेटियां समेत 12 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।

Railway scam: CBI filed case against Lalu Yadav, Rabri Devi, Misa Bharti, Hema Yadav and 12 other persons
रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने के आरोप में लालू परिवार के कई सदस्यों पर केस दर्ज  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के कई सदस्यों पर सीबीआई ने एफआईआर किया है।
  • इनके ऊपर रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने के आरोप है।
  • यह कथित घोटाला तब हुआ जब लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे।

नई दिल्ली : सीबीआई ने रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने के आरोप में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियां मीसा भारती, हेमा यादव तथा 15 अन्य व्यक्तियों और अअज्ञात लोक सेवकों को नामजद किया है। यह कथित घोटाला तब का है जब लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। तब परिवार को 7 टुकड़े जमीन के बदले ग्रुप डी के पदों पर 12 व्यक्तियों को स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।

सीबीआई ने आरोपों की प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे एफआईआर में बदल दिया गया है। लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा तथा हेमा के अलावा कई उम्मीदवारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 16 स्थानों पर तलाशी ली। जांच एजेंसी ने आईपीसी की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की है। आईपीसी की धारा 120-बी आपराधिक षडयंत्र से जुड़ी है।

सीबीआई ने यह आरोप लगाया गया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने 2004-2009 की अवधि के दौरान रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप 'D' पोस्ट पर सब्सटिट्यूट नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के ट्रांसफर के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। आगे यह भी आरोप लगाया गया कि इसके बदले में जो सब्सटिट्यूट स्वयं पटना के निवासी थे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से मंत्री के परिवार के सदस्यों और परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना में स्थित अपनी जमीन को बेच और उपहार में दिया था, जो लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर ऐसी अचल संपत्तियों के ट्रांसफर में शामिल है।

यह भी आरोप लगाया गया था कि क्षेत्रीय रेलवे में सब्सटिट्यूट की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी नियुक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में सब्सटिट्यूट के रूप में नियुक्त किया गया था। आगे यह भी आरोप लगाया गया कि इस कार्यप्रणाली को जारी रखते हुए, करीब 1,05,292 वर्ग स्क्वायर जमीन मंत्री के परिवार के सदस्यों द्वारा पटना स्थित फुट भूमि/अचल संपत्ति का अधिग्रहण 05 सेल डीड और 02 गिफ्ट डीड के माध्यम से किया गया था, जो विक्रेता को अधिकांश भूमि ट्रांसफर में नकद भुगतान दर्शाता है। 

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पटना में करीब 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लालू यादव के परिवार ने इन सात (5 बिक्री विलेख और 2 उपहार विलेख) भूमि रिश्वत के माध्यम से अधिग्रहित की थी। विक्रेताओं को भुगतान नकद में किया गया था। 7 लैंड पार्सल की मौजूदा कीमत 4.39 करोड़ रुपए है। यादवों ने इन भूखंडों के लिए केवल 3 लाख से 10 लाख रुपए का भुगतान किया।

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ऐसा आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के 2008 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरियों के बदले में यादव परिवार को कई संपत्तियां दी गई, जो प्रमुख स्थानों पर थीं। यह नया मामला तब दर्ज किया गया है जब हफ्तों पहले यादव को चारा घोटाला मामले में जमानत पर रिहा किया गया। इस मामले में रांची में विशेष अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था।

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