उदयपुर: उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के मामले में TIMES NOW नवभारत की खबर का बड़ा असर हुआ है। कन्हैयालाल मर्डर केस में अशोक गहलोत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उदयपुर रेंज के IG हिंगलाज दान और SP मनोज कुमार का तबदला कर दिया है। इससे पहले सरकार ने लापरवाही के आरोप में उदयपुर के एएसआई भंवर लाल को निलंबित कर दिया था। वहीं कन्हैयालाल की हत्या के दोनों आरोपियों को देर रात अजमेर जेल शिफ्ट कर दिया गया है।
कन्हैयालाल मर्डर के बाद से ही उदयपुर में तनाव है और यहां धारा 144 लागू है तथा इंटरनेट सेवाएं बंद है। इसके अलावा उदयपुर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा है। कन्हैया की हत्या के बाद आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायियक हिरासत में भेज दिया है। हत्याकांड का इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आने के बाद NIA भी मामले की जांच में जुटी है। जयपुर की स्पेशल NIA कोर्ट में आज आरोपियों के प्रोडक्शन वारंट की अर्जी दी जाएगी। लेकिन NIA की पूछताछ शुरू होने से पहले ही रियाज और गौस पर जो खुलासा हुआ वो बेहद ही खौफनाक है। कैमरे पर भले ही रियाज और गौस तालिबानी स्टाइल में कत्ल करते रिकॉर्ड हुए लेकिन रियाज और गौस के पीछे पूरा का पूरा एक ग्रुप एक्टिव था।
रियाज, गौस के ग्रुप में एक दर्जन से ज्यादा लोग हैं। इस ग्रुप में पाकिस्तान के भी कई लोग हैं जिनका आतंकी संगठनों से लिंक है। रियाज और गौस कन्हैयालाल को मारकर दहशत फैलाना चाहते थे। ये दोनों कन्हैया की लाइव हत्या करके अपने धर्म के हीरो बनना चाहते थे। कन्हैयालाल के अलावा नितिन जैन भी इनके निशाने पर था। इनके ग्रुप में हिंदू मुस्लिम विवाद की खबरों पर बातें होती थी और ये लोग काफी वक्त से कुछ बड़ा करने की साज़िश रच रहे थे। दोनों का इस कदर ब्रेन वॉश हो चुका था कि वो हिंदुओं को काफिर समझते थे।
रियाज और गौस मोहम्मद भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते थे। दोनों ISIS को अपना आदर्श मानते थे और अक्सर ISIS, तालिबान के वीडियो देखते थे।इस्लाम के अलावा बाकी धर्म के लोग यानी हिंदू उनकी नजर में काफिर थे। सबसे परेशान करने वाला खुलासा ये है कि रियाज, गौस को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और दोनों के निशाने पर कई बड़े लोग भी थे। रियाज और गौस साल 2014 में ट्रेन से 45 दिन के लिए पाकिस्तान गए थे।पाकिस्तान में दोनों आतंकी गुट से जुड़े लोगों से मिले थे। पाकिस्तान से लौटने के बाद दोनों कई साल से स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे और अपने पाकिस्तानी आकाओं से अलग-अलग ऐप के जरिए जुड़े थे।
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