Rajya Sabha Elections 2022 : इन चार राज्यों में सीटों से ज्यादा उम्मीदवार, दिलचस्प होगा मुकाबला 

देश
आलोक राव
Updated Jun 09, 2022 | 09:45 IST

Rajya Sabha Elections 2022 : हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान में अतिरिक्त उम्मीदवारों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। 10 जून को इन राज्यों में मतदान के जरिए उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। इन राज्यों में अपने विधायकों को 'हार्स ट्रेडिंग' से बचाने के लिए उन्हें होटल एवं रिसॉर्ट में रखा गया है। 

Rajya Sabha Elections 2022 : More candidates than seats in four states, competition is tight and interesting
राज्यसभा की सीटों पर 10 जून को है मतदान।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • 15 राज्यों की राज्यसभा चुनाव की 57 सीटों को भरने के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही है
  • अब तक अलग-अलग दलों के 41 उम्मीदवारों का चयन निर्विरोध हो गया है
  • अपने विधायकों को 'हार्स ट्रेडिंग' से बचाने के लिए उन्हें होटल एवं रिसॉर्ट में रखा गया है

Rajya Sabha polls 2022 : 15 राज्यों की राज्यसभा चुनाव की 57 सीटों को भरने के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 11 राज्यों आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में अलग-अलग दलों के 41 उम्मीदवारों का चयन निर्विरोध हो गया है। लेकिन कुछ राज्यों में स्थिति दिलचस्प बनी हुई है। हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान में अतिरिक्त उम्मीदवारों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। 10 जून को इन राज्यों में मतदान के जरिए उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। इन राज्यों में अपने विधायकों को 'हार्स ट्रेडिंग' से बचाने के लिए उन्हें होटल एवं रिसॉर्ट में रखा गया है। 

राजस्थान
राजस्थान की अगर बात करें तो यहां राज्यसभा की चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां प्रत्येक उम्मीदवार को जीत दर्ज करने के लिए 41 सीटों की जरूरत है। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 108 और भाजपा के पास 71 विधायक है। यहां कांग्रेस दो एवं भाजपा एक सीट जीत सकती है। कांग्रेस ने यहां से अपने तीन उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उतारा है जबकि भाजपा से घनश्याम तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने कारोबारी सुभाष चंद्रा को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में समर्थन दिया है। कांग्रेस को अपने तीसरे उम्मीदवार को जीताने के लिए अतिरिक्त 15 वोटों की जरूरत होगी। जबकि भाजपा को अपने दूसरे उम्मीदवार को सफल बनाने के लिए 11 सीट चाहिए। 

हरियाणा
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटें हैं। यहां तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। जीत दर्ज करने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 31 वोट की जरूरत है। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 31, भाजपा के पास 50 विधायक हैं। यहां कांग्रेस की ओर से अजय माकन उम्मीदवार हैं। भाजपा ने पूर्व परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार को प्रत्याशी बनाया है और न्यूज एक्स के मालिक कार्तिकेय शर्मा को अपना समर्थन दिया है। यहां दूसरे सीट के लिए भाजपा अपने सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी के 10 विधायकों पर निर्भर है। सात निर्दलीय विधायकों, आईएनएलडी और हरियाणा लोकहित पार्टी ने भी शर्मा को समर्थन देने की घोषणा की है। 

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कर्नाटक
कर्नाटक की अगर बात करें तो यहां चार सीटे हैं। इन चार सीटों के लिए छह उम्मीदवार मैदान में हैं। कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 70 विधायक और भाजपा के पास 121 और जेडीएस के पास 32 विधायक हैं। यहां जीत दर्ज करने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 45 वोट चाहिए। भाजपा यहां दो सीटें और कांग्रेस एक सीट आसानी से जीत जाएगी। चौथी सीट पर जीत के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपना जोर लगाया है। कांग्रेस ने यहां से जयराम रमेश और मंसूर अली खान को मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता जग्गेश और एमएलसी लहर सिंह सिरोया उम्मीदवार हैं। जेडीएस की तरफ से डी कुपेंद्र रेड्डी प्रत्याशी हैं। 

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां प्रत्येक प्रत्याशी को जीत दर्ज करने के लिए 42 वोटों की जरूरत  होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं। भाजपा के पास 106, शिव सेना के पास 55, कांग्रेस के पास 44 और एनसीपी के पास 53 विधायक हैं। एनसीपी के दो विधायक नवाब मलिक एवं अनिल देशमुख जेल में हैं। निर्दलीय एवं छोटी पार्टियों के पास 29 वोट हैं। भाजपा ने यहां से पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक को प्रत्याशी बनाया है। शिवसेना ने दो उम्मीदवार संजय राउत, संजय पवार को मैदान में उतारा  है। गठबंधन सरकार के सहयोगी कांग्रेस एवं एनसीपी दोनों ने अपने एक-एक उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ एवं प्रफुल पटेल को उतारा है। यहां यदि क्रास वोटिंग नहीं होती है तो कांग्रेस एक सीट आसानी से जीत जाएगी। उसके पास दो अतिरिक्त वोट भी होंगे। इसी तरह से एनसीपी के पास 9 वोट होंगे। अपने बचे हुए वोटों को दोनों पार्टियां शिवसेना को दे सकती हैं। एक उम्मीदवार जीताने के बाद शिवसेना के पास 13 अतिरिक्त वोट बचेंगे। चार निर्दलीय भी शिवसेना का समर्थन कर सकते हैं। इसलिए यहां मुकाबला काफी दिलचस्प है।  

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