खंभात में हुई हिंसा में तीन स्थानीय मौलवियों के नाम सामने आए हैं। खंभात पुलिस के मुताबिक दंगे की साजिश खंभात के ही मौलवियों और दो अन्य लोगों ने रची। पुलिस ने तीनों मौलवियों सहित अब तक 9 लोगों को हिरासत में लिया है वहीं, बाकी लोगों की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक पूरी प्लानिंग के तहत खंभात में हिंसा की गई। पुलिस के अनुसार, लड़कों को पथराव के लिए बाहर से लाया गया था और अधिकारियों द्वारा पकड़े जाने पर उन्हें हर तरह की कानूनी और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया गया था। कब्रिस्तानों से पत्थर फेंकने का फैसला किया गया क्योंकि वहां आसानी से पत्थर मिल सकते थे।
पुलिस के मुताबिक साजिश को अंजाम देने के लिए मौलवियों ने खंभात के बाहर से लोगों को बुलाया था जिससे उनकी पहचान न हो सके। वहीं, जुलूस के एक दिन पहले ही खेतों के पास पत्थर जमा किए गए। जुलूस पर पत्थर कहां से फेंकना है, ये भी पहले से तय था। खंभात शहर के शंकरपुरा क्षेत्र के रामजी मंदिर से रविवार शाम चार बजे डीजे के साथ जुलूस निकाला गया था। निकलने के बाद जुलूस कुछ ही दूर पहुंचा था कि तभीखेतों से कुछ दंगाइयों ने अचानक जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया।
आणंद जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजीत राजियां ने कहा, 'एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत, खंभात में रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव किया गया था। आरोपी का मकसद यह था कि एक बार रामनवमी के जुलूस पर पथराव और धमकी दी गई तो भविष्य में ऐसा कोई धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाएगा। रामनवमी का जुलूस शुरू होने वाला था और जुलूस को पुलिस की अनुमति मिलने के बाद पिछले तीन दिनों में पूरी साजिश रची गई थी।' पुलिस ने कहा कि छह आरोपियों ने जरूरत जानने के लिए मॉड्यूल/स्लीपर मॉड्यूल के तहत साजिश रची।
आणंद के एसपी ने आगे बताया, 'ये लोग साजिश को अंजाम देने के लिए फंड के लिए जिले और विदेशों के लोगों के संपर्क में थे। धन जुटाने की जिम्मेदारी मतीन को सौंपी गई थी। वर्तमान में इस बात की जांच चल रही है कि फंड के लिए राज्य और देश के बाहर से किसने मदद की। दरअसल जिस तरह से पथराव किया गया और पथराव के लिए जगह का चयन किया गया, राज्य के खुफिया विभाग को संदेह हुआ, जिसके बाद राज्य एटीएस ने जांच शुरू की, जिसमें जमशेद पठान को पकड़कर पूछताछ की गई।'
एसपी ने बताया कि मुस्तकिन मौलवी ने इस रामनवमी रथ यात्रा को रोकने की साजिश रची थी। एसपी के मुताबिक, 'मौलवी ने वसीम और वाजिद को कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार किया। पैसे का प्रबंधन मतिन अल्टी और उनके भाइयों मोहसिन और आजाद ने किया था। इसके अलावा चिंटू फरीद, रज्जाक पटेल, अख्तर, नसीर और जाहिद ने शोभायात्रा को रोकने के लिए लड़कों का इंतजाम किया था। प्राथमिकी में अल्टी और उसके भाइयों को छोड़कर सभी के नाम हैं।'
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