Jagannath Ratha Yatra: आज से शुरू होगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा; पुरी में देश- विदेश से उमड़े श्रद्धालु

Rath Yatra 2022: प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने गुरुवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर 125 रथ और भगवान जगन्नाथ की रेत की मूर्ति बनाई। COVID-19 महामारी के कारण दो साल के बंद होने के बाद यह यात्रा फिर से भक्तों के लिए खुली है।

Ratha Yatra of Lord Jagannath
पुरी शहर में किए गए हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम 
मुख्य बातें
  • आज से शुरू हो रही है विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा
  • पुरी शहर में किए गए हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
  • सुबह 9.30 बजे होगी पूजा, शाम चार बजे से रथों को खींचना शुरू होगा,

Ratha Yatra of Lord Jagannath​ : दो साल के अंतराल के बाद शुक्रवार को भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की नौ दिवसीय रथ यात्रा पूरी जनभागीदारी के साथ शुरू होगी। भगवान जगन्नाथ की बहुप्रतीक्षित रथ यात्रा में भाग लेने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों से हजारों भक्तों ने ओडिशा के पुरी में आना शुरू कर दिया है। 12वीं सदी में बने इस मंदिर के सामने तीन सजे-धजे रथ आगे बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं।

लोगों को है बेसब्री से इंतजार

COVID-19 महामारी के कारण, 2020 और 2021 में भक्त रथ यात्रा में शिरकत नहीं क पाए थे। विकास आयुक्त पीके जेना ने कहा, 'हमें रथ यात्रा के दौरान लगभग 10 लाख की बड़ी भीड़ की उम्मीद है क्योंकि लोगों को दो साल के अंतराल के बाद उत्सव में भाग लेने का अवसर मिला है।' इसके अलावा, अन्य धर्मों के लोग, ज्यादातर विदेशी, जिन्हें जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है, वे भी त्रिमूर्ति के 'दर्शन' का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने आज से शुरू हो रही  जगन्नाथ रथयात्रा के अवसर पर पुरी के तट पर 125 रथ बनाए हैं।

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इस समय से शुरू होगा कार्यक्रम

गुरुवार को रथ निर्माण प्रांगण से तीनों रथों को सिंह द्वार के सामने उचित स्थान पर खड़ा कर दिया गया। रथों को 'अज्ञा माला बीजे' के नाम से जाना जाने वाला एक विशिष्ट अनुष्ठान कर खड़ा किया गया, जिसका अर्थ है कि भगवान की अनुमति से। गुरुवार को जब मंदिर के पास डमी रथों को सही जगह पर रखने के लिए खींचा जा रहा था तो उस दौरान श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। 'जय जगन्नाथ' के नारे गूंज उठे। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, देवताओं को 1 जुलाई को सुबह 9:30 बजे एक औपचारिक जुलूस में रथों पर लाया जाएगा। दोपहर 12:30 बजे तक जुलूस की गतिविधियां पूरी होने के बाद, पुरी के नाममात्र के राजा गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब दोपहर 2.30 से 3:30 बजे के बीच पारंपरिक 'छेरा पहनरा' (तीन रथों की सफाई) करेंगे। शाम चार बजे से रथ खींचना शुरू होगा।

पुख्ता सुरक्षा इंतजाम

पुरी और उसके आसपास, विभिन्न रैंकों के 1,000 अधिकारियों सहित 180 प्लाटून सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि त्योहार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रैंड रोड और पुरी के अन्य हिस्सों में 50 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिला कलेक्टर समर्थ वर्मा ने गुरुवार को कहा कि देवी-देवताओं की सभी रस्में अच्छी चल रही हैं।

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