'दिल्ली में दंगा, मोदी सरकार के खिलाफ गहरी साजिश' 

देश
आईएएनएस
Updated Mar 05, 2020 | 17:42 IST

दिल्ली हाल दंगे हुए, जिसमें 45 से अधिक लोगों की जान चल गई। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने इस बड़ा बयान दिया है।

PM Modi
PM Modi  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : भाजपा के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने दिल्ली के दंगों पर बड़ा बयान दिया है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार के खिलाफ गहरी साजिश के तहत दिल्ली में विरोधियों ने दंगे करवाए। भाजपा के चुनावी रणनीतिकार माने जाने वाले भूपेंद्र यादव के मुताबिक, किस तरह से दंगे हुए इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है कि किस समय पर दंगे हुए। दिल्ली में हिंसा के लिए 'समय विशेष' को चुने जाने की बात कहकर भूपेंद्र ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। जांच में सभी साजिशकर्ता बेनकाब होंगे।

राज्यसभा सांसद और कई संसदीय कमेटियों से जुड़ने के कारण 'कमेटी मैन' के नाम से जाने जाने वाले भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को यहां अपने आवास पर आईएएनएस से दिल्ली हिंसा, संसद के बजट सत्र में चल रहे हंगामे सहित विभिन्न राजनीतिक मसलों पर खुलकर बात की। सदन में बहस से भागने का ठीकरा उन्होंने विपक्ष के सिर पर फोड़ा। दिल्ली के दंगों को लेकर संसद में कई दिनों से चल रहे गतिरोध पर यह भाजपा के किसी वरिष्ठ राष्ट्रीय पदाधिकारी नेता की ओर से पहला आधिकारिक बयान है।

'दिल्ली हिंसा किस तरह से हुई, ज्यादा महत्वपूर्ण बात है किस समय हुई'
कुशल चुनावी रणनीतिकार के साथ कानूनी मामलों के जानकार भूपेंद्र यादव ने दिल्ली हिंसा पर कहा कि दिल्ली हिंसा किस तरह से हुई, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है किस समय (बिना नाम लिए उन्होंने ट्रंप के दौरे की तरफ इशारा किया) पर हुई। यहां न तो दो समुदायों की लड़ाई थी और न ही कोई मुद्दा। हमने तो मानवीयता के आधार पर सिर्फ तीन मुल्कों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान किया। लेकिन, सरकार के खिलाफ अनावश्यक आक्रोश पैदा करने का प्रयत्न किया गया। अनावश्यक आक्रोश उत्पन्न करने के लिए एक समय चुना गया।

'दिल्ली दंगे पर 30 घंटे के भीतर पाया गया काबू'
दिल्ली में दंगे को रोकने में पुलिस ने सुस्ती दिखाई? इस सवाल को भूपेंद्र यादव ने खारिज करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की देरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जैसे ही घटना हुई, गृहमंत्री ने आलाधिकारियों के साथ बैठक की। 30 घंटे के भीतर हालात पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। सुनियोजित साजिश के पीछे जो लोग हैं, जांच में उनकी भूमिका जरूर उजागर होगी। 

'उत्तेजक बयानबाजी से पार्टी को हुआ नुकसान'
भूपेद्र यादव ने एक सवाल के जवाब में यह भी स्वीकार किया कि कई मौकों पर कुछ नेताओं की अनावश्यक व उत्तेजक बयानबाजी से पार्टी को नुकसान भी उठाना पड़ता है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि इससे निश्चित रूप से पार्टी की छवि पर असर पड़ता है। मगर, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पार्टी नेताओं को बोलते वक्त हमेशा संयम बरतने की सलाह देते हैं। पार्टी के असली विचार को जनता तक ले जाने की सभी नेताओं की जिम्मेदारी है। पार्टी लाइन का उल्लंघन कर बोलने वालों पर कार्रवाई होती है, मगर मीडिया उसे नहीं दिखाता।

चर्चा के लिए तैयार है सत्तापक्ष 
दिल्ली हिंसा पर तुरंत बहस की मांग करते हुए विपक्ष संसद का मौजूदा सत्र नहीं चलने दे रहा, जबकि सरकार होली के बाद चर्चा की बात क्यों कर रही है। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष भी तो चर्चा के लिए तैयार है, मगर विपक्ष सदन को चलने कहां दे रहा है, वह तो हाथापाई और धक्कामुक्की करने में यकीन रखता है।

लोकसभा में विपक्ष के लोग करते हैं धक्कामुक्की
भूपेंद्र यादव ने कहा कि संसद में किसी भी विषय पर चर्चा के लिए निश्चित नियम-कायदे हैं। विपक्ष ने दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग की तो सत्तापक्ष ने भी इनकार नहीं किया। लेकिन लोकसभा में विपक्ष के लोग सत्तापक्ष की तरफ आकर धक्कामुक्की कर व्यवधान डाल रहे हैं। जनता किसी को धक्कामुक्की करने के लिए संसद नहीं भेजती।

'कुछ ऐसे बिल हैं जो आर्डिनेंस के रूप में लाए गए'
दिल्ली हिंसा पर चर्चा में देरी को लेकर भूपेंद्र यादव ने कहा कि कुछ ऐसे विधेयक हैं जो आर्डिनेंस के रूप में लाए गए। जिन्हें पास करना आवश्यक है। आर्डिनेंस की टाइमिंग छह महीने की होती है। माइनिंग(खनन), आईबीसी को लेकर आर्डिनेंस लाया गया। आर्डिनेंस इसलिए लाए जाते हैं कि अगर सदन नहीं चल रहा है तो आर्डिनेंस पर बहस कर उसे बाद में बिल का रूप दिया जाए। सरकारी कामकाज को चलाना भी आवश्यक है। हम जब आर्डिनेंस लाते हैं तो विपक्ष कहता है कि आप चर्चा नहीं कराते? सदन चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ भाजपा की नहीं है। सदन को भाजपा या विपक्ष नहीं चेयर चलाता है।

शाहीन बाग में छोटे-छोटे बच्चों से नारे लगवाए जाते हैं
भूपेंद्र यादव ने विपक्ष से हठधर्मिता छोड़कर सदन चलाने में सहयोग मांगा। भूपेंद्र यादव ने शाहीनबाग पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति धार्मिक पहचान लेकर शरण मांगने आया है, तो क्या उसे शरण देना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहूंगा कि शाहीन बाग में क्या ऐसा कोई भाषण हुआ, जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को गलत बताया गया हो। शाहीन बाग में छोटे-छोटे बच्चों से नारे लगवाए जाते हैं। क्या यह नई पीढ़ी के अंदर जहर पैदा करने का काम नहीं है? जो लोग भी इस तरह के प्रदर्शनों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर समर्थन करते हैं,उन पर प्रश्चचिह्न् खड़ा होता है।

दिल्ली हिंसा की जांच जारी
भूपेंद्र यादव ने कहा कि जो लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं, वही लोग दिल्ली को बेहाल करना चाहते हैं। विपक्ष की ओर से दिल्ली हिंसा की न्यायिक व जेपीसी से जांच कराने की मांग पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि जांच पहले से चल रही है। मामला कोर्ट में है। सच्चाई की जीत होगी। लोकसभा चुनावों में तो मोदी मैजिक चलता है, मगर राज्यों के चुनाव में भाजपा लगातार हार रही है, इस सवाल पर भूपेंद्र यादव ने दोनों चुनावों की गणित समझने पर जोर दिया।

लोकतंत्र में हार-जीत चलती रहती है, दिल्ली में हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा
उन्होंने कहा कि दोनों चुनावों की प्रकृति में अंतर है। लोकसभा का क्षेत्र बड़ा होता है। सामान्यत: दो ही बड़ी पार्टियों के बीच मुकाबला होता है और निर्दलीय और छोटी पार्टियों के उम्मीदवारों की भूमिका कम होती है। मगर विधानसभा क्षेत्र छोटा होता है और यहां निर्दलीय और छोटे दलों का वोट शेयर ज्यादा होते हैं। इस नाते दोनों चुनावों के मत-प्रतिशत में अंतर होता है। ऐसे में विधानसभा चुनाव का पिछले चुनाव के वोट प्रतिशत से तुलना करना चाहिए। झारखंड में गठबंधन को सफलता मिली, दिल्ली में हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है। लोकतंत्र में हार-जीत चलती रहती है। बहरहाल भाजपा सुशासन की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए राजनीति में लगातार जनता के बीच काम करने में यकीन रखती है। हां इतना जरूर है कि हार के लिए कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं होता।"

भूपेंद्र यादव ने कहा कि मोदी जी, देश ही नहीं दुनिया के बड़े नेताओं में माने जाते हैं। उनके नेतृत्व की विशिष्टता कार्यकतार्ओं और जनता में ऊर्जा का संचार कर देती है। भाजपा को आगे बढ़ाने में मोदी जी के नेतृत्व की भूमिका है।

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