जम्मू : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत अपनी चार दिनों की यात्रा पर गुरुवार को जम्मू पहुंचेंगे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35ए हटाए जाने के बाद उनकी यह पहली यात्रा है। अपनी इस यात्रा के दौरान भागवत कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि वह दो अक्टूबर को एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले भागवत 2016 में जम्मू की यात्रा पर आए थे।
जानकारी के मुताबिक दो अक्टूबर को भागवत जम्मू विश्वविद्यालय में जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में एक सेमिनार को संबोधित करेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान आरएसएस प्रमुख जम्मू-कश्मीर में आरएसएस की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों की भी समीक्षा करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राज्य में आरएसएस शिक्षा, जन जागरण, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, जल संरक्षण, सामाजिक समानता सहित अन्य मुद्दों पर काम करती आ रही है।
तीन अक्टूबर को सर संघचालक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जम्मू-कश्मीर के आरएसएस पदाधिकारियों एवं स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। उनका राज्य के प्रचारकों के साथ बैठक का कार्यक्रम भी है। संघ प्रमुख का यह दौरा बेहद खास है क्योंकि आरएसएस लंबे समय से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की मांग करती रही है। पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने इस अनुच्छेद के जरिए राज्य को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया। सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया। सरकार के इस कदम का संघ ने स्वागत किया।
सरकार राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया को और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रही है। अगले कुछ महीनों में राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। इसे देखते हुए आरएसएस प्रमुख राज्य में स्वयंसेवकों से भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास तेज करने की बात कह सकते हैं। इससे पहले भागवत ने गुजरात के सूरत में कहा कि हिंदुत्व एक वैचारिक व्यवस्था है जो सबको साथ लेकर चलती है और सबको साथ लाती है।
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