अपने राज्यसभा में चयन का एस जयशंकर ने किया बचाव, सुप्रीम कोर्ट में दी दलील 

अपने हलफनामे में जयशंकर ने कहा है कि चुनाव आयोग ने जो प्रक्रिया अपनाई उससे किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस नेता की अपील गलत तथ्यों पर आधारित है और उन्हें कानून की सही जानकारी नहीं है।'

S Jaishankar Defends His Rajya Sabha Election Challenged In Supreme Court
अपने राज्यसभा में चयन का एस जयशंकर ने किया बचाव।  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुजरात से राज्यसभा के लिए अपने चुनाव का बचाव किया है। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए अपने हलफनामे में विदेश मंत्री ने कहा कि उनके चयन में किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। जयशंकर साल 2019 में रिक्त पड़ी उन दो सीटों में से एक से राज्यसभा चुनकर आए जिन्हें केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी ने खाली किया था। राज्यसभा चुनाव में जयशंकर से चुनाव हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार गौरव हेमंतभाई पांड्या ने विदेश मंत्री के चयन को चुनौती दी है।

जयशंकर बोले-कानून का उल्लंघन नहीं हुआ
अपने हलफनामे में जयशंकर ने कहा है कि चुनाव आयोग ने जो प्रक्रिया अपनाई उससे किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस नेता की अपील गलत तथ्यों पर आधारित है और उन्हें कानून की सही जानकारी नहीं है।' पांड्या की अपील गुजरात हाई कोर्ट ने स्वीकार नहीं की है जिसके बाद वह उच्चतम न्यायालय पहुंचे हैं। अमित शाह और स्मृति ईरानी के 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ये दोनों सीटें मई 2019 में रिक्त हो गईं। इन सीटों पर अलग-अलग वोटिंग हुई जिसमें भाजपा को दोनों सीटों पर जीत हुई।

कांग्रेस उम्मीदवार ने दी है चुनौती
कांग्रेस का कहना है कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर यदि दोनों सीटों पर एक साथ वोटिंग हुई होती तो उसके खाते में एक सीट गई होती। गुजरात विधानसभा में भाजपा के पास 100 विधायक और कांग्रेस के पास 71 विधायक थे। चूंकि चुनाव अलग-अलग हुए इसलिए एक उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए केवल 50 प्रतिशत (88 सीटों) की जरूरत पड़ी। पांड्या की अर्जी पर शीर्ष अदालत ने जयशंकर से जवाब दायर करने के लिए कहा था।

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