JNU: विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- जब मैंने JNU में पढ़ाई की थी तो वहां कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं था 

देश
किशोर जोशी
Updated Jan 06, 2020 | 20:10 IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जेएनयू में हुईं हिंसा को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जब मैंने जेएनयू से पढ़ाई की थी वो कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग वाला नहीं था।

S Jaishankar says when I studied in Jawaharlal Nehru University JNU we didn't see any tukde tukde gang there
मेरे समय में JNU में नहीं था टुकड़े-टुकड़े गैंग:विदेश मंत्री  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • रविवार को जेएनयू में हुईं हिंसा को लेकर विदेश मंत्री एस जयंशकर ने दिया बड़ा बयान
  • जब मैं जेएनयू में पढ़ाई करता था, तो हमने वहां कोई 'टुकडे टुकडे' गैंग नहीं देखे- एस जयंशकर
  • एस जयशंकर जेएनयू के छात्र रह चुके हैं, उन्होने जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा की

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर प्रतिक्रिया दी है। एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने कहा, 'मैं निश्चित रूप से आपको बता सकता हूं, जब मैंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अध्ययन किया था, तो हमने वहां कोई 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग नहीं देखा।' आपको बता दें कि एस. जयशंकर भी जेएनयू के छात्र रह चुके हैं।

आपको बता दें कि मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों ही जेएनयू से पढ़े हुए हैं। जयशंकर ने रविवार को भी ट्वीट कर जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा की थी। उन्होंने कहा था, 'जेएनयू में जो हुआ उसकी तस्वीरें देखीं। हिंसा की स्पष्ट तौर पर निंदा करते हैं। यह विश्वविद्यालय की संस्कृति एवं परंपरा के पूरी तरह खिलाफ है।'

वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतामण ने ट्वीट कर कहा था, 'जेएनयू से बहुत ही खौफनाक तस्वीरें सामने आईं हैं - वह जगह जिसे मैं जानती हूं और ऐसी जगह के तौर पर याद करती हूं जिसे निर्भीक चर्चाओं एवं विचारों के लिए याद किया जाता था, लेकिन हिंसा कभी नहीं। मैं आज हुई हिंसा की स्पष्ट तौर पर निंदा करती हूं। यह सरकार, पिछले कुछ हफ्तों में जो कुछ कहा गया उसके बावजूद, चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए सुरक्षित रहें।'

रविवार को जेएनयू कैंपस में नकाबपोश लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई विद्यार्थियों और अन्य लोगों को घायल कर दिया था। वामदलों से जुड़े छात्र संगठनों और आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस हमले के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। इस घटना के बाद 34 छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिन्हें अब छुट्टी मिल चुकी है।

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