नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान समाज का एक तबका ऐसा है जो इससे खासा प्रभावित हो रहा है, जी हां बात कर रहे हैं गंभीर रुप से पीड़िता मरीजों की जिन्हें इलाज मिलने में और दवाईयां मिलने में खासी दिक्कतें आ रही हैं। कर्नाटक में ऐसा ही एक मामला सामने आया जब एक कैंसर पेशेंट को बेहद जरुरी दवाई की दरकार थी जिसे बेंगलुरु पुलिस के एक जवान ने बामुश्किल पूरा किया।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि बेंगलुरु पुलिस के हेड कांस्टेबल एस कुमारस्वामी की जानकारी में आया कि उमेश नाम के एक शख्स को कैंसर की जरुरी दवाई जल्दी ही चाहिए थी जिसके लिए उसने मदद की अपील की थी।
जिसके बाद ये कांस्टेबल उसकी मदद करने के लिए आगे आया, अब सवाल ये था कि ये दवाएं केवल बेंगलुरु में ही मिल रही थीं, हेड कांस्टेबल कुमारस्वामी ने उमेश का नंबर लेकर उससे बात की तो उसने बताया कि वो कई सालों से इस दवाई को ले रहा है और इसके बिना उसकी हालत तेजी से बिगड़ जाती है जिससे उसे अस्पताल जाना पड़ सकता है।
ये जानकर हेड कांस्टेबल ने उमेश से कहा कि वो दवाई का इंतजाम कर वहां पहुंच रहा है फिर वो उसने अपने अधिकारी से इस नेक काम के लिए छुट्टी मांगी तो उसे वो मिल गई।
फिर वो 11 अप्रैल की सुबह अपने घर से दवाई लेकर निकला और करीब 430 किलोमीटर का कठिन सफर तय करके धारवाड़ के बस स्टैंड पहुंचे, जहां उन्होंने उमेश से मुलाकात की और उन्हें दवाई सौंपी। उनके इस काम के लिए पुलिस विभाग ने सम्मानित भी किया है।
हेड कांस्टेबल स्वामी ने कहा, हम सभी की मदद नहीं कर सकते, लेकिन जो चीज मेरे बस में है वो तो मैं कर ही सकता हूं, उसके इस काम को लेकर खासी सराहना मिल रही है।
ऐसा ही एक मामला यूपी के गाजियाबाद में भी सामने आया था जब विजयनगर पुलिस ने भी कैंसर पीड़िता की दवा उनतक पहुंचाने में मदद की। दवा मिलने पर परिवार ने विजयनगर थाना प्रभारी को शुक्रिया कहा था।
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