बदल गए गहलोत के सुर, सचिन पायलट की पूरी होगी 4 साल पुरानी मुराद !

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Sep 22, 2022 | 19:48 IST

Ashok Gehlot And Sachin Pilot: यह बात अब साफ हो गई है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे। तो उन पर एक व्यक्ति एक पद का नियम लागू होगा। और उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा। उसके बाद, सबसे बड़ा सवाल यही होगा कि 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी, राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद किसे देगी।

sachin pilot and ashok gehlot
फाइल फोटो: किसकी खुलेगी किस्मत   |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • कांग्रेस अध्यक्ष के लिए दावेदारी लंबी हो रही है।
  • 22 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग होने के आसार दिख रहे हैं।
  • राहुल गांधी के इस बार अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश नहीं करने की संभावना है।

Ashok Gehlot And Sachin Pilot:कल तक जो अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष होने की वकालत कर रहे थे। आज उनके सुर बदल गए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अब  यह कह रहे हैं कि अध्यक्ष के पास पूरे देश की जिम्मेदारी होती है, ऐसे में उसे काम करने के लिए समय की जरूरत है। गहलोत के सुर में बदलाव, राहुल गांधी के प्रेस कांफ्रेंस के बाद आया। जिसमें उन्होंने कहा था कि चिंतन शिविर के वादों को हमें लागू करना चाहिए। जाहिर है राहुल गांधी एक व्यक्ति , एक पद की बात कर रहे थे। और अब गहलोत भी उनकी बात का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो एक शख्स ऐसा है जिसकी 4 साल पुरानी मुराद पूरी हो सकती है। जी हां वह शख्स सचिन पायलट हैं, जो कि कुर्सी न मिलने पर 2020 में बगावती तेवर दिखा चुके हैं।

अशोक गहलोत के बाद कौन

असल में यह बात अब साफ हो गई है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे। तो उन पर एक व्यक्ति एक पद का नियम लागू होगा। और उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा। और उसके बाद, सबसे बड़ा सवाल यही होगा कि 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी, राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद किसे देगी। और इस रेस में सबसे आगे सचिन पायलट का नाम रहेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक तो 2018 के विधानसभा चुनाव पायलट की अध्यक्षता में लड़े गए थे। दूसरी अहम बात यह थी कि 2020 में जब वह बगावती तेवर दिखा रहे थे, तो उन्हें गांधी परिवार से आश्वासन भी मिला था। पायलट इसके अलावा राहुल गांधी के करीबी भी माने जाते हैं। 

पायलट के अलावा इस रेस में सीपी जोशी का भी नाम चल रहा है। साथ ही गहलोत ने यह भी कहा है कि नए मुख्यमंत्री का चयन करते समय, इस बात का भी ध्यान रखना  होगा कि कुर्सी ऐसे व्यक्ति को मिले जो चुनाव जिता सके। असल में कांग्रेस के पास अपने दम पर इस समय केवल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही सरकार है। और उसमें भी राजस्थान ही बड़ा राज्य है। इसे देखते हुए 2023 के विधानसभा चुनाव में सत्ता की वापसी की भी चुनौती होगी।

अध्यक्ष के लिए लंबी हो रही है दावेदारी

अध्यक्ष पद के लिए अभी तक अशोक गहलोत, शशि थरूर तक दिख रही लड़ाई, में अब नए रंग दिख रहे हैं।इस लड़ाई में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता  दिग्विजय सिंह के ताजा बयान ने सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि आप मुझे इस रेस से बाहर क्यों रख रहे हैं ? इसके अलावा न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने दावा किया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी भी कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनके करीबी सूत्रों ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में राज्य पार्टी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है, जो चुनाव में मतदाता हैं। यानी मनीष तिवारी भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं। साथ ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी  नाम सामने आ रहा है। ऐसे में अब सबकी नजर नामांकन पर है। तब जाकर तस्वीर साफ होगी कि 22 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव में कितने उम्मीदवार मैदान में हैं।

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