Sadbhavana Divas 2021: राजीव गांधी के इन 5 बड़े फैसलों ने देश को हमेशा के लिए बदल दिया

Sadbhavana Divas 2021: राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्हें देश का पीएम बनाया गया। उस समय राजीव की उम्र महज 40 साल थी।

Sadbhavana Divas 2021: 5 ways how Rajiv Gandhi changed India forever
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के पीएम बने राजीव गांधी।  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के दिन हर साल 20 अगस्त को 'सद्भावना दिवस' मनाया जाता है। देश के सभी धर्मों के लोगों में शांति, राष्ट्रीय एकता एवं सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। देश के विकास एवं जनकल्याणकारी नीतियों के लिए राजीव गांधी को विशेष तौर पर याद किया जाता है। इस दिन लोग सद्भाव के साथ रहने के लिए संकल्प भी लेते हैं। 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी इस साल 77 वीं जयंती मनाई जा रही है।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बने पीएम
राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्हें देश का पीएम बनाया गया। उस समय राजीव की उम्र महज 40 साल थी। वह साल 1989 तक देश के पीएम रहे। साल 1989 में उनकी भी हत्या कर दी गई। अपने छोटे से कार्यकाल में देश के विकास के लिए राजीव ने कई बड़े एवं नए कदम उठाए। उन्होंने एक बार कहा था, 'भारत एक पुराना राष्ट्र है लेकिन एक युवा देश है। मैं भी युवा हूं और मेरे भी सपने हैं। मैं एक इंडिया का सपना देखता हूं जो कि मजबूत, स्वतंत्र एवं आत्म-निर्भर हो। एक ऐसा देश जो मानवता की सेवा में दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार हो।'

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना अवार्ड की शुरुआत
सामाजिक सौहार्द एवं सद्भावना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए साल 1992 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना अवार्ड की शुरुआत हुई। इस सम्मान के विजेता को 10 लाख रुपए की नकद राशि एवं एक प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है। देश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने का श्रेय राजीव गांधी को जाता है। 

संचार क्रांति का श्रेय राजीव गांधी को
राजीव युवा थे और उन्होंने दुनिया देखी थी। सामाजिक बदलाव में तकनीकी एवं संचार के महत्व को वे बहुत पहले ही पहचान गए थे। देश में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी की जाल फैलाने के लिए उन्होंने अगस्त 1984 में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमेटिक्स (C-DOT) का गठन किया। सी-डॉट की वजह से देश के कस्बों में, गांवों में संचार तंत्र का नेटवर्क बनना शुरू हुआ। इसी दौरान पीसीओ (पब्लिक कॉल ऑफिस) की शुरुआत हुई। संचार क्रांति लाने में पीसीओ की बहुत बड़ी भूमिका है। पीसीओ ने लोगों को संचार के मायने समझाए, इसने एक झटके में लोगों को दुनिया से जोड़ दिया।

Telephone

शहरों में फैला एमटीएनएल का जाल   
देश में टेलिफोन नेटवर्क का जाल फैलाने में साल 1986 में ही महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड की शुरुआत हुई। उस समय सैम पित्रोदा राजीव गांधी के सलाहकार थे जो संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर उन्हें सलाह देते थे। इसी दौरान दूरसंचार, जल, शिक्षा, प्रतिरक्षण, डेयरी और ऑयल सीड से जुड़े छह मिशन की शुरुआत हुई। 

Computer

कंप्यूटर से भारतीय रेल का आधुनिकीकरण
राजीव गांधी की एक बहुत बड़ी देन कंप्यूटर क्रांति की है। पीएम राजीव गांधी के समय ही भारतीय रेल सेवाओं का कंप्यूटरीकरण हुआ। रेलवे के टिकट कंप्यूटर से निकलना शुरू हुए और भारतीय रेल में आधुनिकीकरण का नया अध्याय शुरू हुआ। 

वोट देने की उम्र 21 से 18 साल की
लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए राजीव गांधी की सरकार ने साल 1989 में वोट देने की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल किया। इसके लिए संविधान में 61वां संशोधन करना पड़ा।  इसके अलावा देश की पंचायत राज व्यवस्था राजीव गांधी की ही देन है। लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए राजीव ने पंचायती राज व्यवस्था की आधारशिला रखी। 

Voting in India

ग्रामीण इलाकों की प्रतिभा सामने लाने के लिए नवोदय विद्यालय 
शिक्षा के क्षेत्र में भी राजीव गांधी ने अभूतपूर्व कार्य किए। साल 1986 में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई) की शुरुआत की। इस नीति के चलते देश में शिक्षा का आधुनिकीकरण और उच्च शिक्षा का विस्तार देश भर में हुआ। देश के ग्रामीण इलाकों की प्रतिभा को सामने लाने और उन्हें निखारने के लिए देश भर में नवोदय विद्यालय खोले गए। एक युवा प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी देश की सेवा लंबे समय तक नहीं कर पाए। 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक बम विस्फोट में उनकी हत्या कर दी गई। राजीव की हत्या की जिम्मेदारी लिट्टे ने ली। 
 

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