Sanjay Raut: ईडी की पूछताछ के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि उन्हें गुवाहाटी से बागी गुट में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था। साथ ही राउत ने कहा कि मैं बालासाहेब ठाकरे को फॉलो करता हूं और इसलिए मैं वहां नहीं गया। संजय राउत ने कहा कि जब सच्चाई आपके पक्ष में है, तो डर क्यों है। शुक्रवार को संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में बीजेपी ने विधायकों के एक समूह के साथ एक नई सरकार बनाई है। इन विधायकों ने पार्टी को विभाजित किया है और कहा कि शिवसेना वह जगह है, जहां ठाकरे हैं।
बागी गुट में शामिल होने के लिए संजय राउत को भी मिला था ऑफर!
वहीं उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए राउत ने कहा कि अगर बीजेपी 2019 में अपनी बात पर कायम रहती, तो उसके पास ढाई साल के लिए सीएम का पद होता। उपमुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस के कार्यभार संभालने के बाद राउत ने पूछा कि बीजेपी ने क्या हासिल किया है। हम उद्धव ठाकरे के तहत अपनी पार्टी का विस्तार करने की कोशिश करेंगे। राउत ने जोर देकर कहा कि शिंदे के शिवसेना को विभाजित करने के कदम से पार्टी कमजोर नहीं होगी।
ईडी अधिकारियों को जवाब देने के बाद बोले संजय राउत, केंद्रीय एजेंसियों से क्यों बचना
इससे पहले गुरुवार को बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा करते हुए कि एकनाथ शिंदे, जो शिवसेना के बागी विधायकों के समूह का नेतृत्व कर रहे हैं वो मुख्यमंत्री होंगे। शिंदे के विद्रोह ने न केवल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिरा दिया, बल्कि शिवसेना में भी विभाजन पैदा कर दिया।
संजय राउत ने नई सरकार को दी शुभकामनाएं
संजय राउत ने नई सरकार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिवसेना में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले शिंदे और फडणवीस को मिलकर कृषि, बेरोजगारी से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। साथ उन्होंने कहा कि ऐसा करते समय उन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रशासन और पुलिस तंत्र बिना किसी पक्षपात के काम करें।
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