निर्भया केस: दोषी अक्षय की पुनर्विचार अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, विरोध में भी दायर है याचिका

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Updated Dec 17, 2019 | 10:12 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अगर अक्षय की पुनर्विचार अर्जी खारिज होती है तो सभी दोषी फांसी के फंदे के और करीब पहुंच जाएंगे।

निर्भया केस: दोषी अक्षय की दया अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, विरोध में भी दायर है याचिका
निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई 
मुख्य बातें
  • दोषी अक्षय सिंह की पुनर्विचार अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
  • सभी चारों दोषियों की दया अर्जी हो चुकी है खारिज
  • 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में निर्भया के साथ की गई थी दरिंदगी

नई दिल्ली। निर्भया मामले में दोषी अक्षय सिंह की दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने वाली है। सीजेआई एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पीठ अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगी। अक्षय सिंह को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मौत की सजा पहले ही मुकर्रर हो चुकी है। यह याचिका इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर पुनर्विचार याचिका खारिज होती है तो सभी दोषी फांसी के फंदे के और करीब पहुंच जाएंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार के बाद गृहमंत्रालय की तरफ से भी दया याचिका खारिज हो चुकी है। ऐसी सूरत में दोषियों के पास किसी तरह का विकल्प नहीं बचेगा क्योंकि राष्ट्रपति भी दया याचिका खारिज कर चुके हैं। 

निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा। इसके अलावा उनके पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यदि उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर और निर्भया के दोषियों को सजा मिलती है तो इससे समाज में एक सख्त संदेश जाएगा।


यहां आपको जानकर हैरानी होगी कि एक दोषी विनय शर्मा ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि उसने दया याचिका राष्ट्रपति के पास नहीं भेजी थी। जिस दस्तावेज पर उसके हस्ताक्षर की बात कही जा रही है दरअसल उस याचिका पर उसने हस्ताक्षर नहीं किया था। लेकिन विनय के उस दावे की पोल खुल गई जब तिहाड़ जेल प्रशासन ने साक्ष्यों के साथ बताया कि दया याचिका पर उसकी दस्तखत थी। 

बता दें कि दोषियों के वकील ए पी सिंह ने कहा था कि संसद के गलियारे से आवाज आई थी कि इस तरह के लोगों को फांसी दी जानी चाहिए या सरेआम गोली मार देनी चाहिए। लेकिन वो जानना चाहते हैं कि क्या इस तरह के कदम से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर कमी आएगी। अगर ऐसा हो सकता है तो दोषियों को फांसी दे देनी चाहिए।

निर्भया केस में कुल 6 आरोपी थे जिसमें मुख्य आरोपी ने 16 दिसंबर की वारदात के कुछ महीने बाद ही तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। एक नाबालिग दोषी पाया गया और उसे सुधारगृह में रखने के बाद छोड़ दिया गया। लेकिन पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई गई।  इन दोषियों की दया याचिका भी खारिज हो चुकी है, हालांकि एक दोषी अक्षय सिंह ने दया याचिका नहीं लगाई थी। 

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