क्या फिर लगेगा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन? SC के इस सुझाव के बाद सरकार उठा सकती है कदम  

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा, 'साथ ही हम केंद्र एवं राज्य सरकारों से अनुरोध करते हैं कि वे सुपर स्प्रेडर कार्यक्रमों के आयोजन एवं लोगों के एकत्र होने पर पूरी तरह से रोक लगाएं।

SC Urges Centre, states to seriously consider lockdown to curb spread of Corona
SC के इस सुझाव के बाद सरकार उठा सकती है कदम। 
मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट का अनुरोध- लॉकडाउन लगाने पर गंभीरता से विचार करें सरकारें
  • शीर्ष अदालत ने कहा कि संक्रमण की चेन रोकने के लिए लॉकडाउन जरूरी है
  • पिछले साल मार्च में केंद्र सरकार ने लगाया था राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन

नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को केंद्र एवं राज्य सरकारों को बड़ा कदम उठाने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को लॉकडाउन लगाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। कोरोना की दूसरी लहर पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दिए जाते समय कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के बेतहाशा बढ़ते मामलों को देखते हुए हम केंद्र एवं राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि वे संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए अपने कदमों एवं उपायों को रिकॉर्ड पर रखें। सरकारें ये बताएं कि कोरोना से निपटने के लिए उनकी आगे की क्या तैयारी है।'

'लॉकडाउन लगाएं तो हाशिए के लोगों को सुरक्षा दें'
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा, 'साथ ही हम केंद्र एवं राज्य सरकारों से अनुरोध करते हैं कि वे सुपर स्प्रेडर कार्यक्रमों के आयोजन एवं लोगों के एकत्र होने पर पूरी तरह से रोक लगाएं। लोगों के हित में सरकारें कोरोना की दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने के लिए लॉकडाउन के बारे में भी विचार कर सकती हैं।' हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोगों को सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। 

पिछले साल लगा था राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन
अदालत ने कहा, 'हम लॉकडाउन के सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव से परिचित हैं। खास तौर से इससे हाशिए के लोग बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। सरकारें यदि लॉकडाउन लगाती हैं तो इन समुदायों को सुरक्षा देने के लिए कदम अवश्य उठाया जाना चाहिए।' बता दें कि देश में पिछले साल मार्च महीने में कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन लगाने का लक्ष्य वायरस की चेन को तोड़ना था। 

पहले से ज्यादा घातक है कोरोना की दूसरी लहर
कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा संक्रामक और घातक है।  यह तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। ऐसे में समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया गया है लेकिन पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में लागू करने की सलाह दी है। हालांकि, कई राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन लगाया है। अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद केंद्र राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बारे में विचार कर सकता है। 

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