CAA: थोड़ा अलग था शाहीन बाग का नजारा, विरोध के बीच उठी समर्थन की आवाज, कश्मीरी पंडितों से हुई थी झड़प

दिल्ली के शाहीन बाग में रविवार को नजारा थोड़ा अलग था। कश्मीरी पंडितों का एक समूह सीएए के समर्थन वाला प्लेकार्ड लेकर वहां पहुंचा। प्रदर्शनकारियों से पहले झड़प हुई लेकिन बाद में उन्हें बोलने का मौका दिया गया।

CAA: थोड़ा अलग था शाहीन बाग का नजारा, विरोध के बीच उठी समर्थन की आवाज, कश्मीरी पंडितों से हुई थी झड़प
शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ विरोध जारी 
मुख्य बातें
  • कश्मीरी पंडितों और प्रदर्शनकारियों के बीच शाहीन बाग में झड़प
  • कश्मीरी पंडितों ने सीएए के समर्थन वाले प्लेकॉर्ड लहराए
  • कश्मीरी पंडितों के संबंध में प्रदर्शनकारियों से समर्थन करने की अपील की

नई दिल्ली। शाहीन बाग इस समय नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध का केंद्र बना हुआ है। 35 दिन से ज्यादा समय गुजर चुका है लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो वहां ठोस भरोसा मिलने तक नहीं उठेंगे। लेकिन रविवार को नजारा थोड़ा अलग था। कश्मीरी पंडितों का एक समूह सीएए का प्लेकार्ड्स लेकर शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल हुआ और वहां कश्मीरी पंडितों के साथ न्याय होने का नारा लगाया।

शुरुआत में कश्मीरी पंडितों की सीएए का विरोध करने वालों से झड़प हो गई। लेकिन आर्गेनाइजर ने उन लोगों को मंच पर बुलाया। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि वो शाहीन बाग में विरोध में बैठे लोगों का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने बात रखने का मौका दिया।  उन लोगों ने मांग करते हुए कहा कि 1990 में जब उनके साथ घाटी में अत्याचार के साथ उन्हें भगाया गया तो उसकी एसआईटी जांच होनी चाहिए।वो भारत के लोगों को धन्यवाद करते हैं कि उन्हें शरण मिली। 

कश्मीरी पंडितों ने कहा कि वो सीएए का समर्थन करते हैं, लेकिन इसके साथ ही वो भारत सरकार से गुजारिश करते हैं कि वो विस्थापितों के संबंध में कुछ ठोस फैसला करे ताकि वो अपने वतन जा सकें। पिछले 30 वर्षों में तीस लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडित इधर से उधर भटकते रहे। सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए। कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के संबंध में 2 मिनट चुप रहकर उस लमहे को याद किया गया और अंत में भारत माता के नारे के साथ उनका भाषण समाप्त हुआ।

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