नई दिल्ली : दिल्ली का शाहीन बाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जारी धरना-प्रदर्शन के चलते कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात प्रतिबंध लागू है। इस प्रतिबंध को हटाने पर कोई आदेश जारी करने के बजाय दिल्ली हाई कोर्ट ने यातायात व्यवस्था बहाल कराने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को सौंप दी है। इस बीच, शाहीन बाग के एसएचओ मंगलवार को धरना स्थल पर गए लोगों से अपना प्रदर्शन दूसरी जगह करने की अपील की ताकि मार्ग के एक तरफ की सड़क पर यातायात व्यवस्था बहाल की जा सके। पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे धरना के लिए वैकल्पिक जगह मुहैया कराने में मदद करेंगे। उन्होंने लोगों से सड़क से हटने की अपील ताकि मार्ग को यातायात के लिए खोला जा सके।
समझा जाता है कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस समाधान के साथ सामने आई है। वह प्रदर्शनकारी लोगों से वार्ता के जरिए किसी सुलह पर पहुंचने की कोशिश कर रही है। गत 15 दिसंबर से जारी प्रदर्शन के चलते कालिंदी कुंज और मुथरा रोड के बीच यातायात बाधित हो गई है और इससे लंबे समय तक अन्य रास्तों पर जाम की स्थिति बन जाती है।
हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि उसका फैसला व्यापक जनहित और कानून एवं व्यवस्था को ध्यान में रखकर होना चाहिए। बता दें कि गत 15 दिसंबर को सीएए और एनआरसी के खिलाफ यहां बड़ी संख्या में महिलाएं धरने पर बैठ गईं। इस धरने के चलते शाहीन बाग में यातायात बाधित हो गई। एक तरफ की सड़क पूरी तरह बंद हो जाने से दक्षिण पूर्व दिल्ली और नोएडा की तरफ जाने वाली सड़क पर लंबा जाम लग जा रहा है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि सड़क बंद होने से रोजाना लाखों लोगों को परेशाना का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग एवं ओखला अंडरपास को खोलने के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग की गई है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि व्यापक जनहित में जब प्रदर्शन एवं आंदोलन जारी हों तो यातायात व्यवस्था नियंत्रित करने का अधिकार पुलिस एवं अन्य विभागों को है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को भी यातायात अलर्ट जारी किया। अपने निर्देश में नोएडा से दिल्ली आने वाले लोगों को डीएनडी अथवा अक्षरधाम मार्ग का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया। यातायात पुलिस ने मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच सड़क मार्ग 13ए को बंद कर रखा है।
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