Sharjeel Imam ने लगाया जेल में मारपीट का आरोप, जान को खतरा होने का दावा करते हुए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

दिल्ली दंगों की साजिश के आरोप में जेल में बंद शरजील इमाम ने अब जेल में अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए अदालत का रुख किया है।

Sharjeel Imam alleges he was assaulted in jail approaches court
शरजील बोला- जेल के सहायक अधीक्षक ने हाल ही में तलाशी की आड़ में की मारपीट 
मुख्य बातें
  • जेल में जान को खतरा बताकर शरजील इमाम अदालत पहुंचा
  • शरजील बोला- जेल के सहायक अधीक्षक ने हाल ही में तलाशी की आड़ में की मारपीट
  • इमाम अपने कथित भड़काऊ भाषणों के लिए देशद्रोह के आरोपों का सामना कर कर रहा है

नई दिल्ली:  2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश से जुड़े एक मामले के आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने आरोप लगाया है कि जेल में उसके साथ मारपीट हुई है। अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए शरजील ने दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया है। शरजील के आवदेन पर विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत सुनवाई कर सकते हैं। 

शरजील ने लगाया मारपीट का आरोप

शरजील ने उसने अपने वकील अहमद इब्राहिम के माध्यम से आरोप लगाया कि जेल के सहायक अधीक्षक ने हाल ही में तलाशी की आड़ में आठ-दस लोगों के साथ उनके सेल में प्रवेश किया, उनके साथ मारपीट की और उसे आतंकवादी और राष्ट्रविरोधी कहा। इमाम ने कड़कड़डूमा कोर्ट में जो अर्जी दायर की है उसमें लिखा है, '30 जून को शाम करीब साढ़े सात बजे सहायक अधीक्षक 8-9 दोषियों के साथ तलाशी लेने के नाम पर आवेदक के कक्ष में आए। दोषियों द्वारा तलाशी अभियान की अनुमति नहीं है और केवल सक्षम कर्मचारियों द्वारा ही किया जा सकता है। उपरोक्त तलाशी के दौरान, जब उसने अपने सामान की रक्षा करने की कोशिश की तो याचिकाकर्ता की किताबें और कपड़े फेंक दिए गए, हमला किया गया और उसे एक आतंकवादी और एक राष्ट्रविरोधी कहा गया।'

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7 जुलाई को फैसला सुना सकती है अदालत

शरजील ने संबंधित अधिकारियों को भविष्य में किसी भी हमले और उत्पीड़न से बचाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की। 10 जून को दिल्ली की एक अदालत ने देशद्रोह मामले में शरजील इमाम की अंतरिम जमानत याचिका पर आदेश स्थगित कर दिया था। अदालत 7 जुलाई 2022 को आदेश सुना सकती है। इमाम पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और NRC पर विशेष रूप से दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। शरजील पर पुलिस ने आरोप लगाया गया है कि उसने केंद्र सरकार के प्रति नफरत, अवमानना और असंतोष को भड़काने वाले भाषण दिए और लोगों को भड़काया जिसके कारण दिसंबर 2019 में हिंसा हुई।

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