शशि थरूर, 6 पत्रकारों पर राजद्रोह का केस, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना पड़ा महंगा 

गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। इस अफवाह को थरूर सहित अन्य पत्रकारों ने ट्वीट किया।

Shashi Tharoor, 6 Journalists Face Sedition For Farmers' Protest Posts
शशि थरूर, 6 पत्रकारों पर राजद्रोह का केस।  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता शशि थरूर सहित कई पत्रकारों के खिलाफ राजदोह का केस दर्ज हुआ है। जिन पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है उनमें वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ, अनंत नाथ, विनोद के जोस और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। इनके खिलाफ नोएडा के सेक्टर 20 पुलिस थाने में आईपीसी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। दरअसल, सोशल मीडिया पर अफवाह फैली थी कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। इस अफवाह को थरूर सहित अन्य पत्रकारों ने ट्वीट किया। हालांकि, बाद में यह बात गलत साबित होने पर इन्होंने अपनी सफाई पेश की। 

नोएडा के थाने में दर्ज हुई शिकायत
दरअसल, नोएडा के निवासी 'सामाजिक कार्यकर्ता' अर्पित मिश्रा की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। अर्पित का आरोप है कि इन लोगों ने गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत पर 'गुमराह करने वाली न्यूज ट्वीट और प्रसारित किया'। थरूर सहित पत्रकारों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं-153ए, 153बी, 295ए, 298, 504, 506, 505, (2), 124 (ए), 34, 120 बी एवं आईटी एक्ट की धारा 66 तहत केस दर्ज हुआ है। 

गैर-जमानती धाराओं में केस दर्ज
गौरतलब है कि इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी में दर्ज ज्यादातर धाराएं गैर-जमानती हैं। सरदेसाई एक बडे़ टीवी नेटवर्क के साथ काम करते हैं, पांडे एक वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल हेराल्ड से जुड़ी हुई हैं। यह समाचार पत्र कांग्रेस से जुड़ा है। आगा कांग्रेस से जुड़े उर्दू अखबार कौमी आवाज के संपादक हैं जबकि परेश नाथ, अनंत नाथ और जोस कारवां मैगजीन से जुड़े हैं। 

पुलिस की गोली से प्रदर्शनकारी की मौत नहीं
गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी पहले से तय रूट को छोड़कर लाल किला, आईटीओ  सहित राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच गए। इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो झड़प शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने आईटीओ और लाल किले पर जमकर उत्पात मचाया। इसी दौरान सोशल मीडिया पर खबर फैली कि पुलिस की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि युवक की मौत गोली लगने से नहीं बल्कि ट्रैक्टर के पलटने से हुई। 

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