मुंबई (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के परभणी से शिवसेना सांसद संजय जाधव उर्फ बंडू जाधव ने लोकसभा की सदस्यता से यह कहते हुए अपना इस्तीफा दे दिया कि वह अपने क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। जाधव ने पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना त्याग पत्र भेज दिया है। उद्धव ठाकरे को भेजे पत्र में उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर की है और कहा कि वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं।
इस वजह से थे थे नाराज
सांसद संजय जाधव ने लिखा, 'अगर मैं अपने क्षेत्र में शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ न्याय करने में असमर्थ हूं, तो मुझे पार्टी का सांसद होने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए, कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।' जाधव ने कहा कि वह परभणी जिले में जिंटूर कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) के गैर-सरकारी प्रशासक की नियुक्ति से नाखुश थे।
उद्धव को लिखे पत्र में जाहिर की अपनी पीड़ा
जाधव ने अपने खत में आगे लिखा, 'मैं पिछले 8-10 महीनों से इस मामले (परभणी में जिंतुर एपीएमसी के प्रशासक की नियुक्ति) का फॉलो-अप ले रहा हूं। अब एनसीपी के एक व्यक्ति को गैर-सरकारी प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है जो मेरे लिए काफी तकलीफदेह है और यह शिवसेना कार्यकर्ताओं का अपमान है। जिले के कई एनसीपी और कांग्रेस कार्यकर्ता शिवसेना में शामिल होना चाहते हैं लेकिन जब मैं अपने ही कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं दिला पा रहा हूं तो उनको कैसे दिला पाऊंगा।'
कई बार सामने आ चुकी हैं खींचतान की खबरें
आपको बता दें कि जाधव कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लिए सलाहकार समिति के सदस्य हैं। पिछले काफी समय से शिवसेना और एनसीपी के बीच राज्य में कई पदों को लेकर खींचतान की खबरें सामने आती रही हैं। बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद से इस तरह की अटकलें लग रही थीं कि शिवसेना और एनसीपी नेताओं का जमीनी स्तर पर मेल मिलाप बड़ा कठिन होगा और सांसद जाधव का इस्तीफा इसकी पुष्टि भी करता है।
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