नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे का कहना है कि वो एनआरसी नहीं लागू होने देंगे। इसके साथ ही वो कहते हैं कि गलत तरह से या धर्म का इस्तेमाल कर सत्ता हासिल करना उनका मकसद न तो कभी था न है और न आगे रहेगा। वो ऐसे हिंदू राष्ट्र की कल्पना नहीं करते हैं जिसमें आपसी सद्भाव और भाईचारा ना हो।
'बीजेपी के हिंदुत्व विचार से सहमत नहीं'
शिवसेना के मुखपत्र सामना में वो कहते हैं कि उनका हिदुत्व विचार बीजेपी के हिंदुत्व से भी अलग है, आज क्या हो रहा है, लोग एकदूसरे को मार रहे हैं, देश में अशांति है। यही नहीं जिन लोगों ने हिंदुत्व का इस्तेमाल कर सत्ता पर काबिज हुए वो हिंदुत्व के विचार के हिमायती नहीं है। वो कहते हैं कि आप अगर सत्ता हासिल करने के लिए या सत्ता में बने रहने के लिए हिंदुत्व की व्याख्या गलत अंदाज में करते हैं तो शिवसेना वैसे विचारों के साथ नहीं जा सकती है।
'आदिवासी भी अब सड़क पर उतरेंगे'
एनआरसी के मुद्दे पर वो कहते हैं कि अगर आप समर्थन करते हैं तो देशभक्त और विरोध में हैं तो देश विरोधी, यह परिभाषा गढ़ने का अधिकार बीजेपी को किसने दिया है। एनआरसी से सिर्फ मुसलमानों को भी लाइन में खड़ा होना पड़ेगा। यह सिर्फ मुसलमानों तक सीमित नहीं है। एक बार आप दस्तावेजों के जरिए अपनी नागरिकता सिद्ध कर देंगे। लेकिन क्या आपके माता-पिता ऐसा कर पाएंगे इसका जवाब ना में है। सबसे बड़ी बात आदिवासियों से जुड़ी हुई है जंगलों और पहाड़ों में रहनेवाले आदिवासी कहां से जन्म का सबूत लाएंगे। आप खुद बताइए। आदिवासियों को जब ये जानकारी होगी तो वो भी सड़क पर उतरेंगे।
'एनआरसी का मतलब अब सबको समझ में आ रहा'
उद्धव ठाकरे कहते हैं कि एनआरसी का अर्थ अब लोगों को धीरे धीरे समझ में आ रहा है। नागरिकता सिद्ध करना सिर्फ मुसलमानों तक सीमित नहीं है बल्कि हिंदुओं को भी दिक्कत होगी। वो इस तरह के कानून को नहीं आने देंगे चाहे वो सीएम रहें या ना रहें। वो कभी भी किसी को किसी का अधिकार नहीं छिनने देंगे।
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