P C Chaco: चुनाव से पहले केरल कांग्रेस को झटका, पी सी चाको ने दिया इस्तीफा

केरल कांग्रेस के कद्दावर नेता पी सी चाको ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे के पीछे पार्टी में गुटबाजी को जिम्मेदार करार दिया।

 P C Chaco: चुनाव से पहले केरल कांग्रेस को झटका, पी सी चाको ने दिया इस्तीफा
पी सी चाको का इस्तीफा 
मुख्य बातें
  • विधानसभा चुनाव से पहले केरल कांग्रेस को झटका
  • पी सी चाको ने पार्टी से दिया इस्तीफा
  • पार्टी में ओमन चांडी और रमेश चेन्निथला के तानाशाही रवैये का किया जिक्र

नई दिल्ली। केरल कांग्रेस के कद्दावर नेता पी सी चाको ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी में गुटबाजी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर गुटबाजी हावी है। उसके खिलाफ कई बार आवाज उठाई। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। केरल कांग्रेस में चीजें ठीक नहीं हैं..वह स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे थे।

पार्टी में गुटबाजी का जिक्र
केरल कांग्रेस बन गई है और मैं और मैं पार्टी। केवल ओमान चांडी और रमेश चेनीताला द्वारा उम्मीदवारों के नाम तय किए गए।उम्मीदवारों का नाम समिति को बिल्कुल नहीं दिया जा रहा है।नाम केवल ओमन चांडी और रमेश चेनिताला द्वारा तय किए जाते हैं।मैं केरल से केरल में कोई कांग्रेस नहीं है। लेकिन केरल में ग्रुप ए और ग्रुप आई है। यहां केरल के शीर्ष नेता ही फैसले लेते हैं। उम्मीदवारों के चयन के लिए जो समिति गठित की गई है उसका कोई मतलब नहीं है। 

ओमन चांडी और रमेश चेन्निथला पर आरोप
वो  लगातार शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध कर चुके थे कि इसे रोकने के लिए कुछ किया जाए। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा। वो चुनाव समिति के सदस्य हैं, लेकिन पैनल के माध्यम से जाने वाले उम्मीदवारों के नामों के बजाय, केवल ओमन चांडी और सी रमेश को पता है कि किन उम्मीदवारों को टिकट मिलेगा।

मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी अन्य राज्य में प्रबल होता है, मैंने हाईकमान के हस्तक्षेप की मांग की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ
जब हम 40-50 साल पहले कांग्रेस में शामिल हो गए लेकिन अब वो कांग्रेस नहीं रही जिसके वो हिस्सा थे। जिस तरह के कांग्रेस हाईकमान, गुटबाजी को लेकर खामोश है, उसे क्या कहा जाए। अगर कहें कि वो गुटबाजी के मूक गवाह हैं तो गलत ना होगा।



बीजेपी को नहीं होगा फायदा
केरल में बीजेपी को कोई फायदा नहीं होगा, 1-2 सीटें अलग नहीं होंगी, दुर्भाग्य से कांग्रेस वामपंथ से लड़ रही है। जब राहुल गांधी ने वायनाड में वाम के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया तो मैं उनके पास जाने के लिए उनसे पुनर्विचार करने के लिए गया क्योंकि बाएं और कॉंग वैचारिक रूप से समान हैं

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