कभी रह गई थी सिर्फ 1 भैंस, इस लड़की ने बढ़ाया डेयरी बिजनेस, हो रही हर महीने 6 लाख की कमाई

देश
लव रघुवंशी
Updated Jan 24, 2021 | 21:04 IST

महाराष्ट्र के अहमदनगर के निघोज गांव की 21 साल की श्रद्धा धवन ने 11 साल की उम्र में अपने परिवार के डेयरी बिजनेस को संभाला और आज उसे ऊंचाई तक ले गई हैं।

Shraddha Dhawan
श्रद्धा धवन 
मुख्य बातें
  • 11 साल की उम्र में श्रद्धा धवन ने संभाला परिवार का बिजनेस
  • हर चुनौती को पार करते हुए हासिल की सफलता
  • अब लाखों में हो रही इस बिजनेस से कमाई

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के अहमदनगर की 21 साल की श्रद्धा धवन ने अपने परिवार के डेयरी बिजनेस को इतना आगे बढ़ाया कि वो अब इससे हर महीने 6 लाख रुपए कमा रही हैं। अहमदनगर के निघोज गांव की श्रद्धा ने परिवार के दुग्ध व्यवसाय को बढ़ाया है। वो 80 भैंस के दूध से 450 लीटर दूध बेच रही हैं।  

श्रद्धा के घर में कभी भी छह से अधिक भैंस नहीं थीं। यहां तक एक समय 1998 में उनके परिवार में केवल एक भैंस थी। उस समय उनके पिता सत्यवान मुख्य रूप से भैंस का कारोबार करते थे। दूध बेचना उनके लिए मुश्किल था क्योंकि वह दिव्यांग थे और उसकी कुछ शारीरिक सीमाएं थीं। 

2011 मे बदली चीजें

चीजें तब बदलीं जब 2011 में उन्होंने अपनी बेटी को इस काम को संभालने की जिम्मेदारी दी। श्रद्धा ने 'द बेटर इंडिया' को बताया, 'मेरे पिता बाइक नहीं चला सकते थे। मेरा भाई किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए बहुत छोटा था। इसलिए मैंने 11 साल की उम्र में जिम्मेदारी संभाली हालांकि मुझे यह काफी अजीब लगा, क्योंकि हमारे गांव की किसी भी लड़की ने इससे पहले इस तरह का काम नहीं किया था।'

बढ़ती गई कमाई

वो बाइक चलाकर डेयरी फार्म्स तक दूध पहुंचाती हैं। आज श्रद्धा अपने पिता के व्यवसाय को दो मंजिला इमारत से चलाती हैं, जिसमें 80 से अधिक भैंस हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में तब से सुधार हुआ है। वे हर महीने 6 लाख रुपए कमाते हैं। वो कहती हैं, 'जब मेरे पिता ने मुझे फार्म की जिम्मेदारी सौंपी, तो व्यवसाय बढ़ने लगा। जैसा ही ये उठने लगा तो भैंसों की संख्या बढ़ाई गई।'  उन्होंने बताया कि 2013 तक दूध के बड़े केटल्स को ले जाने के लिए उन्हें मोटरसाइकिल की जरूरत थी। उस समय उनके पास एक दर्जन से अधिक भैंसें थीं, और उसी साल उनके लिए एक शेड का निर्माण किया गया। 2015 में अपनी दसवीं कक्षा के दौरान श्रद्धा एक दिन में 150 लीटर दूध बेच रही थी। 2016 तक उनके पास लगभग 45 भैंस थीं, और हर महीने 3 लाख रुपए कमा रहे थे। 

पढ़ाई को भी जारी रखा

शुरू में उन्हें ये काम करने में अजीब महसूस हुआ। वो कहती है कि मैंने अपने क्षेत्र में दूध बेचने के लिए बाइक चलाने वाली लड़की को कभी नहीं देखा था। कुछ ग्रामीण उससे प्रभावित हुए और उसे प्रोत्साहित किया। इससे श्रद्धा का आत्मविश्वास बढ़ा। उनके सामने भैंसों के चारे से लेकर और भी कई चुनौतियां आईं, लेकिन वो आगे बढ़ती गईं। अब उनके पास 80 भैंस हैं और हर रोज लगभग 450 लीटर दूध बेचा जाता है। 2019 में जानवरों के लिए दूसरी मंजिल का निर्माण किया गया। इस काम के साथ श्रद्धा ने अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा।

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