Shrikant Tyagi Case: उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 93बी की ओमेक्स ग्रैंड सोसाइटी में महिला से गाली-गलौज और धक्का-मुक्की करने वाली आरोपी श्रीकांत त्यागी के तार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) से भी जुड़े हैं। मामले में पीड़िता की पड़ोसी महिला ने दावा किया है कि वे लोग त्यागी के सियासी जुड़ाव को लेकर भ्रमित हैं। वे समझ ही नहीं पा रहे कि आखिरकार वह किस दल से है। ऐसा इसलिए, क्योंकि पूर्व में वो ही खुद की बसपा और सपा से जुड़े होने की बात कह चुका है।
हालांकि, मंगलवार (नौ अगस्त, 2022) सुबह तक यूपी पुलिस की गिरफ्त में न आ पाया। वह फिलहाल पांच दिन से फरार है। हालांकि, पुलिस का कहना था कि वह दबिश दे रही है, पर उसकी लोकेशन का कोई अता-पता नहीं है। इस बीच, सूरजपुर के सीजीएम कोर्ट में आरोपी की ओर से सरेंडर के लिए याचिका भी दी गई। 25 हजार के ईनामी पर तीन एफआईआर और गैंगस्टर एक्ट लग चुका है।
गौतमबुद्धनगर से बीजेपी सांसद महेश शर्मा ने हमारे सहयोगी अंग्रेजी अखबार 'टीओआई' को बताया, "पीएम नरेंद्र मोदी-सीएम योगी आदित्यनाथ की महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है। गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन लिए जाने के बाद उस पर ईनाम घोषित किया गया। जो भी उसे पकड़ने में मदद करेगा, उसे 25 हजार रुपए का ईनाम दिया जाएया। छह पुलिस वाले भी इस पूरे मामले में निलंबित किए गए हैं।
इस बीच, सोमवार को हमारे सहयोगी अंग्रेजी चैनल 'टाइम्स नाउ' पर वरिष्ठ टीवी पत्रकार नविका कुमार की डिबेट में ओमेक्स सोसाइटी में रहने वाली चित्रांशी सिंह (जो पीड़िता ईना की पड़ोसी हैं) ने बताया कि वे लोग त्यागी के पॉलिटिकल कनेक्शन को लेकर भ्रम में हैं। वे समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आखिरकार वह किस दल से है। उन्होंने कहा- जब बसपा की सरकार थी, तो वह खुद के मायावती के दल से होने का दावा करता था। जब सपा सत्ता में आई तो उसने खुद को अखिलेश यादव के काफिले का बताया और अब जब बीजेपी की सरकार है तो उसने भाजपा से अपने जुड़ाव की बात कही थी।
सुनें, क्या कहा पीड़िता की पड़ोसी ने?:
वैसे, इसी परिचर्चा में भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की ओर से दावा किया गया है कि त्यागी कोई बाहुबली नहीं है। वह छुटभैया स्तर का व्यक्ति है। उसे नेता कहना राजनीतिक जमात का अपमान करना है। ऐसे शख्स जो पड़ोसियों से संबंध नहीं अच्छे रख सकते हों, जिन्हें भाषाई मर्यादा की समझ न हो, किसी महिला से सही सलूक न करना आता हो तो ऐसे व्यक्ति को राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं कहा जा सकता। नेता तो बहुत दूर की बात है।
सुनें, उन्होंने आगे और क्या बताया:
दरअसल, यह पूरा मामला मामूली से विवाद के बाद चालू हुआ था। महिला ने त्यागी की ओर से सोसायटी के साझा क्षेत्र में पौधे लगाने पर आपत्ति जताई थी, जिससे वह भड़क उठा था। वह उन्हें गंदी-गंदी गालियां देने लगा था। घटना से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद उस पर दबाव बना और वहीं उसके ग्राउंड फ्लोर वाले फ्लैट के बाहर बनाए गए ‘अवैध’ निर्माण को नोएडा अथॉरिटी ने सोमवार को ढहा दिया।
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