दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की हार पर शशि थरूर का शायराना ट्वीट, अपनों को दिखाया 'आईना'

देश
आलोक राव
Updated Feb 12, 2020 | 12:02 IST

Shashi Tharoor : कांग्रेस के कई नेताओं ने आप की जीत पर खुशी जाहिर की। अपनी भीषण हार पर मंथन करने के बजाय आप की जीत पर इतराने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ऐसे नेताओं पर निशाना साधा है। 

 Shshai Tharoor tweets on Delhi election result 2020 targets Congress leadears
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की हुई है बुरी हार।  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर रिकॉर्ड कायम किया है। आप ने विधानसभा की 70 सीटों में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने प्रदर्शन में थोड़ा सुधार करते हुए आठ सीट जीतने में सफल हुई। चुनाव में सबसे बुरा हाल कांग्रेस पार्टी का हुआ है। इस चुनाव में कांग्रेस को दोहरा नुकसान हुआ है लेकिन पार्टी को इसका अफसोस होता नहीं दिखा है। कांग्रेस के कई नेताओं ने आप की जीत पर खुशी जाहिर की। अपनी भीषण हार पर मंथन करने के बजाय आप की जीत पर इतराने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ऐसे नेताओं पर निशाना साधा है। 

शशि थरूर ने बुधवार को अपने एक ट्ववीट में कहा, 'किसी की जीत पे यूं नाजां हैं, शिकस्त खा के फतह पाई हो!' थरूर ने अपने ट्वीट में किसी का नाम तो नहीं लिया है लेकिन उनकी बात से जाहिर है कि वह क्या कहना चाह रहे हैं।' 

कांग्रेस इस बार भी अपना खाता खोल नहीं पाई। साथ ही उसका वोट शेयर भी कम हुआ है। इस चुनाव में कांग्रेस का काफी बुरा हाल हुआ है। लगातार 15 साल तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस को इस चुनाव में महज 4.4 प्रतिशत वोट हासिल हुए। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 22.63 प्रतिशत वोट मिले। महज एक साल के भीतर कांग्रेस का वोट प्रतिशत समिट कर साढ़े चार प्रतिशत के करीब आ गया। 

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस पार्टी कहीं भी लड़ाई में नहीं दिखी। उसके प्रदर्शन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 63 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। शीला दीक्षित के कार्यकाल में मंत्री रहे दिग्गज अपनी सीट नहीं बचा सके। कांग्रेस के चुनाव प्रचार में भी कोई दम-खम नहीं दिखा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने एक दिन प्रचार किया। नवजोत सिंह सिद्धू जैसे स्टार प्रचारकों ने चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी। 

कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह चुनाव में उसके संगठन का सक्रिय न होना भी है। टिकट बंटवारे में ऊहापोह की स्थिति नजर आई। कुछ उम्मीदवारों के चयन का फैसला नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन किया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में 9.7 प्रतिशत वोट मिले। कांग्रेस इस चुनाव में अपना पुराना वोट बैंक भी बरकरार नहीं रख सकी। चुनाव में कांग्रेस की उदासीनता देखकर उसके पारंपरिक वोटर भी उससे छिटक गए।


 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर