पर्यटकों के लिए खुला सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र सियाचिन, राजनाथ सिंह ने किया कर्नल चेवांग रिंचेन सेतु का उद्घाटन

देश
प्रभाष रावत
Updated Oct 21, 2019 | 21:37 IST

Rajnath Singh in Siachen: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सियाचिन और लद्दाख का दौरा किया। इस दौरान सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया और साथ ही एक अहम पुल का उद्घाटन भी किया।

Rajnath Singh in Siachen
सियाचिन में राजनाथ सिंह 
मुख्य बातें
  • दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन का दीदार कर पाएंगे पर्यटक
  • पूर्वी लद्दाख में राजनाथ सिंह ने किया रणनीतिक पुल कर्नल चेवांग रिंचेन सेतु का उद्घाटन
  • दो बार महावीर चक्र विजेता कर्नल चेवांग रिंचेन के सम्मान में दिया गया नाम

Siachen open for Tourism, नई दिल्ली: भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन का दीदार अब आम लोग भी कर सकेंगें। भारत सरकार ने सियाचिन को पर्यटन के लिए खोल दिया है। सियाचिन ग्लेशियर को आम लोगों की यात्रा के लिए खोले जाने को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बात की। रक्षा मंत्री सोमवार को सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख के कई हिस्सों की यात्रा पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के साथ ही रणनीतिक लिहाज से अहम एक पुल कर्नल चेवांग रिंचेन सेतु का उद्घाटन भी किया।

रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में एक महत्वपूर्ण पुल का उद्घाटन किया और इस दौरान उन्होंने कहा कुमार पोस्ट तक सियाचिन का बेस कैंप पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। राजनाथ सिंह ने इसे लेकर ट्वीट भी किया और लिखा, 'सियाचिन का इलाका अब आम लोगों और पर्यटन के लिए खोला जा रहा है। सियाचिन के बेस कैंप से कुमार पोस्ट तक का हिस्सा पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लद्दाख में पर्यटन की बड़ी संभावनाएं हैं। यहां बेहतर केनक्टिविटी, अच्छी सड़कें और बुनियादी ढांचे का विकास ज्यादा लोगों को इस हिस्से की ओर आकर्षित करेगा।

कर्नल चेवांग रिंचेन सेतु का उद्घाटन

Col Chewang Rinchen Setu is 430-meter-long and has been constructed on Shyok river in Ladakh. (Photo/PIB)
सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख के दौरे पर पहुंचे थे और यहां सोमवार उन्होंने कर्नल चेवांग रिंचेन सेतु का उद्घाटन किया। इस पुल का नाम कर्नल चेवांग रिंचेन के नाम पर रखा गया है जिन्हें दो बार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है। यह पुल श्योक नदी पर बना है।

रक्षा मंत्री ने ट्वीट में पुल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस पुल को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। यह न केवल क्षेत्र में सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रणनीतिक लिहाज से भी अहम होगा जो सैन्य जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

रणनीतिक लिहाज से अहम काराकोरम और चांग चेनमो पर्वतमाला के बीच सैंडविच इलाके में स्थित यह पुल 430 मीटर लंबा है और लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर है। इसका निर्माण माइक्रो पाइलिंग तकनीक का इस्तेमाल करके किया गया है। निर्माण को रिकॉर्ड 15 महीने में पूरा किया गया है।

कर्नल चेवांग रिंचेन- 11 नवंबर, 1931 को लद्दाख क्षेत्र के नुब्रा घाटी के सुमेर में जन्मे कर्नल चेवांग रिंचेन को लेह और पार्टापुर सेक्टर में साहस के असाधारण कामों के लिए 'लद्दाख के शेर' के नाम से जाना जाता है। वह उन चुनिंदा छह सशस्त्र बलों के जवानों में से एक हैं जिन्हें दो बार महावीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है, जो दूसरा सबसे बड़ा भारतीय वीरता पुरस्कार हैं।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर