EXCLUSIVE: स्मृति ईरानी ने कहा- मैंने चुकाई मुखर होने की कीमत, बताया- पहली किताब का नाम 'लाल सलाम' क्यों रखा?

Smriti Irani: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने टाइम्स नाउ नवभारत से खास बातचीत की है। उन्होंने कहा कि मैंने राजनीति में मुखर होने की कीमत चुकाई है। उन्होंने अन्य कई मुद्दों पर भी अपना पक्ष रखा।

Smriti Irani
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी 

Smriti Irani Interview: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार से खास बातचीत की है। स्मृति ईरानी से सवाल किया गया कि उन्होंने अपनी पहली किताब का नाम 'लाल सलाम' ही क्यों रखा? उन्होंने कहा कि मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि ऐसे हिंदुस्तान में हूं जहां जनता को विश्वास है कि कोई घटना होने पर सरकार चुप नहीं बैठेगी। 

स्मृति ईरानी ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मैंने मुखर होने की कीमत चुकाई है। उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताया कि और कहा कि मैंने बड़े से बड़े नेता के साथ काम किया है। हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहो तो कभी कंट्रोवर्सी नहीं होगी। 

राज्यसभा के 12 सांसदों को निलंबन करने के मसले पर स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष में हम भी रहे हैं, लेकिन ऐसा व्यवहार कभी नहीं किया। महिला अधिकारी को मारा गया, उपसभापति पर पेपर फाड़कर फेंके गए। वहीं कृषि कानूनों की वापसी पर उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को चुनाव की वजह से वापस नहीं लिया गया। देश के प्रधानमंत्री ने देश के लिए सार्वजनिक रूप से एक कानून को वापस ले लिया और आपको लगता है कि ये सरकार सुनती नहीं है। आप इस देश में सरेआम प्रधानमंत्री का कत्लेआम करने की घोषणा कर सकते हैं और कांग्रेस आपके सर पर ताज पहनाती है। आपको पद देती है और आप कहती हैं कि हम असहिष्णु हैं। 

वहीं यूपी चुनाव पर उन्होंने कहा कि हम यूपी की गरिमा के लिए लड़ रहे हैं और वो अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। ये ही फर्क है। ये लोग गरीब का घर बनाने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, ये अपना करियर बनाने के लिए लड़ रहे हैं।

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