तो क्या नदी के एक गिलास पानी ने पहुंचाया भगवंत मान को अस्पताल, Video से उठ रहे सवाल

क्या पंजाब के सीएम भगवंत मान की तबीयत दूषित पानी पीने से खराब हुई थी। दरअसल यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ क्योंकि आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट ने वीडियो साझा किया है।

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दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं भगवंत मान 

पंजाब में सरकार बनने से पहले आम आदमी पार्टी ने लोगों से मुफ्त बिजली और साफ पानी का वादा किया था। आम आदमी पार्टी को लोगों ने बेशुमार प्यार दिया और सरकार बनाने में छप्पर फाड़कर वोट भी दिया। पंजाब में आप की सरकार बनी और वादे के ही मुताबिक भगवंत मान सीएम बने। सरकार बनने के बाद मुफ्त बिजली का वादा पूरा हुआ। लेकिन साफ पानी का मामला जैसे का तैसे है। अब सवाल यह है कि साफ पानी की बात क्यों हो रही है। दरअसल सीएम भगवंत मान इस समय दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। लोग परेशान हो गए कि आखिर ऐसा क्या हो गया। लेकिन इस संबंध में आप की पंजाब यूनिट ने एक वीडियो जारी किया है। अब वीडियो में जो कुछ दिखाया गया है उसके मुताबिक ऐसा लग रहा है कि मान कहीं नदी का दूषित पानी पीने से तो बीमार नहीं हो गए थे।

वीडियो पिछले रविवार का है। प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और राज्यसभा सांसद बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल ने मुख्यमंत्री को काली बें की सफाई की 22वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था और उन्हें पंजाब के सुल्तानपुर लोधी में पवित्र नाले के प्रदूषित पानी का एक गिलास भेंट किया था।पंजाब के मुख्यमंत्री ने बिना झिझक वह पानी पिया, जिसमें कस्बों और गांवों का सीवेज कचरा है।कुछ दिनों बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आप की पंजाब इकाई द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में, साथ में लिखा गया है, "मुख्यमंत्री भगवंत मान सुल्तानपुर लोधी में पवित्र जल पीते हुए, गुरु नानक साहिब के चरण स्पर्श की भूमि। राज्यसभा सदस्य संत सिचेवाल जी ने पवित्र सफाई का कार्य लिया है।

 राज्य सरकार ने राज्य की नदियों और नालों को साफ करने के लिए एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की। इसमें कहा गया, "भगवंत मान ने भी बेईं का पानी पिया और कहा कि यह मौका पाकर वह धन्य हैं। मुख्यमंत्री ने काली बें की सफाई के लिए संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लगभग 22 साल पहले की गई ऐतिहासिक पहल ने पवित्र नाले की सफाई में उत्प्रेरक का काम किया था, जहां गुरु नानक देव स्नान करते थे। उन्होंने कहा कि महान गुरुओं की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रयासों को बड़े स्तर पर दोहराने की जरूरत है।

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