Sonia Gandhi : लोकसभा में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को मनरेगा का मुद्दा उठाया। मनरेगा के बजट पर उन्होंने जो बयान दिया उससे सदन में हंगामा खड़ा हो गया। सोनिया ने कहा कि मौजूदा सरकार ने मनरेगा के बजट में 35 प्रतिशत की कटौती की है। उन्होंने मनरेगा मजदूरों का 5 हजार करोड़ रुपए बकाया होने का आरोप लगया। सोनिया ने मनरेगा के लिए उचित बजट का आवंटन करने और मजदूरों को 15 दिनों के भीतर भुगतान करने की मांग की। वहीं, कंग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वह सदन में गलत तथ्य पेश कर रही हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि मनरेगा के बजट में कटौती नहीं बल्कि इसमें वृद्धि की गई है।
समय पर मजदूरों को भुगतान नहीं हो पा रहा-सोनिया
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यों से कहा जाता है कि उनका वार्षिक बजट तब तक मंजूर नहीं होगा जब तक कि वे सोशल ऑडिट एवं लोकपाल की नियुक्ति से जुड़ी शर्तों को पालन नहीं करेंगे। सोशल ऑडिट का प्रभावशाली बनाया जाना चाहिए लेकिन इस वजह से मजदूरों का पैसा नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन खामियों की वजह से मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस साल मनरेगा का बजट 2020 के बजट से 35 प्रतिशत कम है। यह तब है जब देश में बेरोजगारी बढ़ी है।
सोनिया के आरोपों पर अनुराग ठाकुर ने दिया जवाब
लोकसभा में सोनिया गांधी ने कहा कि कुछ साल पहले कुछ लोगों ने मनरेगा का मजाक उड़ाया लेकिन कोरोना संकट के दौरान यह योजना करोड़ों मजदूरों के परिवारों को मदद पहुंचाई। बावजूद इसके सरकार इस योजना के बजट में लगातार कटौती कर रही है।
सोनिया के इन आरोपों का सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जवाब दिया। ठाकुर ने कहा कि सरकार ने मनरेगा की जियोटैगिंग की और इस पर काम किया। अब मनरेगा के मजदूरों के बैंक अकाउंट में पैसा सीधे ट्रांसफर होता है।
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