IAS में बैकडोर एंट्री विवाद : ट्रोलर्स को ओम बिड़ला की बेटी ने इस तरह से दिया जवाब

Anjali Birla : यूपीएससी की मेरिट लिस्ट में अंजलि बिड़ला का नाम आने पर सोशल मीडिया पर वह ट्रोल होने लगीं। सोशल मीडिया पर उनके बारे में अफवाह उड़ाई गई कि यूपीएससी में उनकी एंट्री 'पिछले दरवाजे' से हुई है।

Speaker Om Birla's Daughter's Reply To Trolls On IAS Backdoor Entry Charge
ट्रोलर्स को ओम बिड़ला की बेटी ने इस तरह से दिया जवाब।  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा क्लियर करने पर सोशल मीडिया पर चली अफवाहों से लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की बेटी अंजलि बिड़ला काफी आहत हुईं। अंजलि का कहना है कि इन अफवाहों ने उन्हें दुख पहुंचाया लेकिन इसने उन्हें भविष्य में एक नौकरशाह के रूप में सेवा देने के लिए मजबूत किया। बता दें कि यूपीएससी की मेरिट लिस्ट में अंजलि बिड़ला का नाम आने पर सोशल मीडिया पर वह ट्रोल होने लगीं। सोशल मीडिया पर उनके बारे में अफवाह उड़ाई गई कि यूपीएससी में उनकी एंट्री 'पिछले दरवाजे' से हुई है क्योंकि उनके पिता लोकसभा के स्पीकर हैं और इस सफलता में उनके पिता के नाम का प्रभाव है।

ट्रोलिंग पर कानून चाहती हैं अंजलि 
एनडीटीवी के साथ बातचीत में अंजलि ने कहा, 'ट्रोलिंग के खिलाफ एक कानून होना चाहिए। अफवाह फैलाने वाले लोगों का पता लगाकर उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। आज ट्रोलिंग का मैं शिकार बनी हूं, कल इसका कोई और शिकार बन सकता है।' बता दें कि यूपीएससी की तीन चरणों वाली परीक्षा में 23 वर्षीया अंजलि ने अपने पहले प्रयास में सफलता पाई है। सिविल सर्विसेज (मेन) परीक्षा 2019 की मेरिस लिस्ट में उनका नाम भी है। लेकिन सोशल मीडिया पोस्टस में दावा किया गया कि उन्हें अपने पिता के नाम का 'फायदा' पहुंचा और इसी वजह से उनकी 'बैकडोर से एंट्री' हुई। 

'इस घटना ने मुझे मजबूत बनाया'
उन्होंने कहा, 'मैं यह देखकर आश्चर्यचकित थी कि जिस परीक्षा में सफल होने के लिए मुझे तैयारी करनी पड़ी, अब मुझे उसके बारे में सफाई देनी होगी। लेकिन इस घटना ने मुझे मजबूत बनाया क्योंकि भविष्य में इस तरह की और चीजें मेरे सामने आ सकती हैं। इस घटना ने एक व्यक्ति के रूप में मुझे और परिपक्व बनाया।' अंजलि ने आगे कहा, 'मैं अपने जीवन में पूरी तरह से ईमानदार रही हूं। मेरे आस-पास के लोग जानते हैं कि मैं कितना परिश्रम करती हूं।'

'यूपीएससी की परीक्षा में बैकडोर से एंट्री नहीं'
अंजलि जिस समय ट्रोल हुईं, उस दौरान उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, 'यूपीएससी की सिविल सर्जिसेज की परीक्षा हर साल तीन चरणों में संपन्न होती है। आप तीनों परीक्षा पास करने के बाद ही सिविल सर्वेंट बनते हैं। यूपीएससी सीएसई पूरी तरह से निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनाती है। इसमें बैकडोर से एंट्री नहीं होती है। कृपया कम से कम इस संस्था का सम्मान करें।' यही नहीं, अंजलि ने इस परीक्षा से जुड़े अपने सभी दस्तावेज भी पेश किए। अंजलि का कहना है कि उन्होंने इस परीक्षा में सफल होने के लिए एक साल पहले तैयारी शुरू कर दी 

फिलहाल राजनीति में जाना का कोई इरादा नहीं-अंजलि
उन्होंने कहा, 'मैं रोज 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थी। यूपीएससी  की परीक्षा में सफल होने के लिए इस तरह की पढ़ाई करने की जरूरत होती है। इस परीक्षा में सफल होने के लिए आपको लगातार नियमित रूप से पढ़ाई करनी होती है।' अंजलि का कहना है कि उनकी बड़ी बहन चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उन्होंने इस परीक्षा में उनकी मदद की। अंजलि ने बताया कि वह यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के बाद काफी उत्साहित हैं। जहां तक राजनीति का प्रश्न है तो वह यह एक खुला क्षेत्र है लेकिन राजनीति में जाने की उनकी अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह दोनों क्षेत्र लोगों की सेवा के लिए है।

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