स्पाइसजेट विमान के ऑटो पायलट सिस्टम में आई थी तकनीकी खामी, विमान को वापस लौटाना पड़ा दिल्ली

स्पाइसजेट के ऑटो पायलट सिस्टम में तकनीकी खामी की वजह से दिल्ली नासिक फ्लाइट को वापस दिल्ली लौटाना पड़ा।

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स्पाइसजेट की दिल्ली -नासिक फ्लाइट के ऑटो पायलट सिस्टम में आई थी खराबी  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • दिल्ली नासिक की उड़ान पर था स्पाइसजेट का विमान
  • ऑटोपायलट सिस्टम में आई थी तकनीकी खामी
  • विमान को वापस लौटाना पड़ा था दिल्ली

दिल्ली में गुरुवार को बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन सतर्कता की वजह से हादसा टल गया। स्पाइसजेट की फ्लाइट दिल्ली से नासिक की उड़ान पर था कि बीच हवा में ही तकनीकी खराबी आ गई। तकनीकी खराबी की वजह के बाद विमान को वापस दिल्ली लौटाना पड़ा। धिकारी ने कहा  कि स्पाइसजेट बी737 विमान वीटी-एसएलपी, परिचालन उड़ान एसजी-8363 (दिल्ली-नासिक) गुरुवार को ऑटोपायलट में खराबी के कारण एयर टर्नबैक में शामिल हो गया।

सभी यात्री सुरक्षित
डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि स्पाइसजेट बी737 विमान वीटी-एसएलपी, परिचालन उड़ान एसजी-8363 (दिल्ली-नासिक) आज सुबह एक 'ऑटोपायलट' सिस्टम में खराबी की वजह से बीच में लौट आया। उन्होंने कहा कि बोइंग 737 विमान सुरक्षित उतरा गया है।स्पाइस जेट के अधिकारियों का कहना है कि क्रू मेंबर्स को जैसे ही तकनीकी खामी का पता चला विमान को दिल्ली वापस लाने का फैसला हुआ। दिल्ली में विमान की सामान्य लैंडिंग कराने में कामयाबी मिली। सभी यात्री सुरक्षित हैं।

पहले भी आ चुकी है खराबी
अगर बात स्पाइसजेट के विमानों की करें तो तकनीकी खामी का मामला नया नहीं है। डीजीसीएस ने इसी वर्ष 6 जुलाई को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। अभी हाल ही में मुंबई एयरपोर्ट पर विमान का टायर फट गया था। उसके बाद 12 जुलाई को दुबई जाने वाली फ्लाइट में भी खराबी आई थी जिसकी वजह से उड़ान भरने में देरी हुई। जुलाई में तल्ख टिप्पणी करते हुए डीजीसीए ने कहा था कि स्पाइसजेट सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवाएं स्थापित करने में विफल रही है।

एयरलाइन से यह बताने के लिए कहा गया कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। बाद में डीजीसीए ने एयरलाइन को अपनी उड़ानों का अधिकतम 50 प्रतिशत संचालित करने का आदेश दिया। विभिन्न स्पॉट चेक, निरीक्षण के निष्कर्षों और स्पाइसजेट द्वारा प्रस्तुत कारण बताओ नोटिस के जवाब में डीजीसीए के ग्रीष्म अनुसूची 2022 के तहत 8 सप्ताह की अवधि के लिए प्रस्थान को मंजूरी दी गई है।

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