श्रीलंका का मुद्दा हमारे लिए चिंता का विषय, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोले- PM मोदी बुलाएं सर्वदलीय बैठक

श्रीलंका में आर्थिक संकट गहरा गया है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के घर में घुस गए हैं। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं। इस पर भारत के मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह भारत के लिए चिंता का विषय है। पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक बुलाएं।

Sri Lanka issue is a matter of concern for us, Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury says PM Modi should call an all-party meeting
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी 

नई दिल्ली: हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट गहरा गया है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं। इस हालात के बीच भारत के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि श्रीलंका का मुद्दा हमारे लिए चिंता का विषय है। श्रीलंका में इस स्थिति से कूटनीतिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से निपटने के लिए भारत सरकार को अधिक सक्रिय होना चाहिए। श्रीलंका का उत्तरी भाग दक्षिण भारतीय राज्यों के करीब होने के कारण शरणार्थी आ सकते हैं।

चौधरी ने कहा कि वे भारत आ सकते हैं, घुसपैठिए के रूप में नहीं, लेकिन आने के लिए मजबूर हैं क्योंकि अब श्रीलंका एक बहुत ही अनिश्चित स्थिति से गुजर रहा है। मैं निश्चित रूप से सरकार को प्रस्ताव दूंगा कि एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जानी चाहिए ताकि हम अपने विचार भी व्यक्त करें।

देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव चले गए। उन्होंने ने मालदीव से ही प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है। संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने ने घोषणा की कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने विदेश प्रवास के दौरान कामकाज संभालने के लिए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति की है।

श्रीलंका के राजनीतिक दलों ने एक सर्वदलीय सरकार बनाने और दिवालिया हुए देश में अराजकता फैलने से रोकने के लिए 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। श्रीलंका के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों इस्तीफा देते हैं, तो संसद का अध्यक्ष अधिकतम 30 दिन के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है।

गौर हो कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश 7 दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उधर श्रीलंका में अशांति के हालात बनने की वजह से भारत के साथ उसका व्यापार लगभग ठप पड़ गया है और ऐसी स्थिति में अपने भुगतान को लेकर निर्यातकों की चिंताएं बढ़ रही हैं।

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