नई दिल्ली: बलिया गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया है। आरोपी 15 अक्टूबर को हुई घटना के बाद से फरार था। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया, 'धीरेंद्र सिंह और उसके साथियों को आज लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। उनसे एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की जा रही है। उसके गुर्गों के कब्जे से हथियार बरामद किए गए हैं। घटना के समय इस्तेमाल किए गए हथियारों पर एसटीएफ अधिक जानकारी जुटा रही है।'
इस मामले में अभी तक 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आज धीरेंद्र सिंह के अलावा 2 और आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा। रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के दौरान हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने फरार आरोपियों के खिलाफ इनाम घोषित किया और उनके खिलाफ रासुका व गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा की।
इस मामले में कुल आठ नामजद एवं 20 से 25 अज्ञात आरोपी हैं। फरार आरोपियों के विरुद्ध 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया। धीरेंद्र प्रताप सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 12 टीमें गठित की थीं।
इससे पहले धीरेंद्र सिंह एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि मैं नहीं जानता की किसने गोली चलाई। किसकी गोली से वो मरे हैं। मेरे परिवार को, माता-पिता को अगर मारा जाएगा तो मेरे पास जो भी रहेगा मैं तो उसे मारने की कोशिश करूंगा। लेकिन मेरे परिवार के पास कुछ नहीं था। आरोपी ने पूरे मामले में पुलिस की गलती बताई। उसने एसडीएस और क्षेत्राधिकारी समेत अन्य पुलिसकर्मियों की गलती बताई। उसने मुख्यमंत्री से जांच कराने की मांग की है और अपने और परिवार के लिए न्याय की गुहार लगाई है।
विधायक का मिल रहा साथ
वहीं आरोपी धीरेंद्र सिंह को बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का खुलकर समर्थन हासिल है। बीजेपी विधायक ने कहा कि इस मामले में अभी तक एकपक्षीय कार्रवाई हो रही है। उन्होंने मांग की कि दूसरे पक्ष की तरफ से भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। ऐसा न करने पर उन्होंने धरने पर बैठने की बात कही। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर अखिलेश यादव को यादव प्रिय है तो सुरेंद्र सिंह को भी क्षत्रिय प्रिय है। आरोपी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, 'जिसका जान ही संकट में पड़ जाएगा, वो आदमी क्या करेगा? या तो लड़कर जान बचाएगा या भगकर जान बचाएगा। भागने की भी स्थिति नहीं है। अगर उसका बाप पीटा जाएगा, उसकी बहन को पीटा जाएगा तो वो क्या करेगा। धीरेंद्र प्रताप ने आत्म रक्षा में गोली चलाई है, वरना उसके परिवार के सदस्यों एवं सहयोगियों समेत दर्जनों लोग मार दिए गए होते। '
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