यूक्रेन में रूसी जंग के बाद हजारों की संख्या में भारतीय छात्र अलग अलग शहरों जैसे कीव, खारकीव और सूमी में फंसे हुए थे। ऑपरेशन गंगा के तहत उन छात्रों को स्वदेश लाया गया। लेकिन छात्रों के सामने संकट था कि उनकी पढ़ाई का क्या होगा। लेकिन अब उस संबंध में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय छात्र को चिंतित होने की जरूरक नहीं है।
क्राक-2 परीक्षा से राहत
यूक्रेन सरकार ने फैसला किया कि चिकित्सा शिक्षा पूरी करने के संबंध में (छात्रों के लिए) छूट दी जाएगी। तीसरे वर्ष के मेडिकल छात्रों के लिए KROK 1 परीक्षा अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए स्थगित कर दी गई। छात्रों को एसटीडी की आवश्यकता के पूरा होने के आधार पर अगले शैक्षणिक वर्ष में पास करने की अनुमति होगी। 6 वें वर्ष के छात्रों के लिए, KROK 2 नामक एक परीक्षा है। यूक्रेन सरकार ने निर्णय लिया है कि शैक्षणिक मूल्यांकन के परिणामों के आधार पर, उन्हें KROK लिए बिना डिग्री प्रदान की जाएगी। हंगरी, रोमानिया, चेक गणराज्य, कजाकिस्तान और पोलैंड (#यूक्रेन से निकाले गए छात्रों के लिए शिक्षा जारी रखने के बारे में) के संपर्क में हैं क्योंकि उनके पास शिक्षा के समान मॉडल हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को बताया कि यूक्रेन की सरकार ने वहां से लौटने को मजबूर हुए भारतीय छात्रों की मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिहाज से कुछ छूट देने का फैसला किया है और अब छात्रों को उनके अकादमिक मूल्यांकन के आधार पर मेडिकल की डिग्री दी जा सकेगी तथा उन्हें ‘क्रॉक-2’ परीक्षा नहीं देनी होगी।जयशंकर ने लोकसभा में नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘ भारत सरकार यूक्रेन से पढ़ाई बीच में छोड़कर लौटने को मजबूर हुए भारतीय छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित है । उनका (छात्रों का) पाठ्यक्रम पूरा हो सके, इस लिहाज से हंगरी, पोलैंड, रुमानिया, चेक गणराज्य और कजाकिस्तान जैसे देशों के साथ संपर्क में है। विदेश मंत्री ने सदन में कहा कि यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों के भविष्य को लेकर वह सदन को सूचना देना चाहते हैं कि यूक्रेन सरकार ने निर्णय लिया है कि छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा पूरी करने के संदर्भ में छूट दी जाएगी।
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क्राक 1 भी स्थगित
उन्होंने बताया कि तीसरे वर्ष से चौथे साल में जाने वाले छात्रों के लिए जो ‘क्रॉक-1’ परीक्षा होती है, उसे अगले शिक्षण सत्र के लिए स्थगित कर दिया गया है और छात्रों को अगले शिक्षण सत्र में मानक जरूरतों के पूरा करने के आधार पर भेजा जाएगा।’उन्होंने कहा कि वहां छठे वर्ष के छात्रों को ‘क्रॉक-2’ परीक्षा देनी होती है और सामान्य स्थिति में उसी के आधार पर उन्हें मेडिकल की डिग्री दी जाती है, लेकिन यूक्रेन की सरकार ने निर्णय लिया है कि छात्रों को अकादमिक मूल्यांकन के आधार पर डिग्री दी जाएगी और उन्हें ‘क्रॉक-2’ परीक्षा नहीं देनी होगी।विदेश मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमने भी जोर दिया था।
जयशंकर ने छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण के संबंध में कहा कि यूक्रेन में पढ़ने वाले 1,319 छात्रों पर ऋण बकाया है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ दिन पहले सदन को सूचित कर चुकी हैं कि सरकार ने भारतीय बैंक संघ को वापस आने वाले छात्रों के बकाया शिक्षा ऋण के संबंध में संघर्ष के कारण पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने और विभिन्न पक्षकारों के साथ इस बारे में विचार-विमर्श शुरू करने के लिये कहा है।जयशंकर ने यह भी कहा कि हमारा प्रयास इस समय भारत और रूस के बीच आर्थिक लेनदेन को स्थिरता प्रदान करना है चूंकि रूस भारत का महत्वपूर्ण साझेदार देश है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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