Subhash Chandra Bose Death Anniversary: 'नेताजी' की वो 10 बातें जो आज भी भर देती हैं रगों में जोश

देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज का गठन करने वाले 'नेताजी' के नाम से महशूर सुभाष चंद्र बोस के निधन को लेकर आज भी रहस्‍य बना हुआ है। इस बीच उनकी कई ऐसी बातें हैं, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

पंडित जवाहरलाल नेहरू (दाएं) के साथ सुभाष चंद्र बोस (मध्‍य में)
पंडित जवाहरलाल नेहरू (दाएं) के साथ सुभाष चंद्र बोस (मध्‍य में)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • 'नेताजी' सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि 18 अगस्‍त को मनाई जाती है
  • आजादी के आंदोलन के नायक नेताजी का निधन आज भी रहस्‍य बना हुआ है
  • सरकार ने एक RTI में उनके निधन की तारीख 18 अगस्‍त, 1945 बताई थी

Subhash Chandra Bose: देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार सुभाष चंद्र बोस की मौत को लेकर गहराए रहस्‍य के बीच 2017 में केंद्र सरकार ने एक RTI के जवाब में उनके निधन की तारीख 18 अगस्‍त, 1945 बताई थी। यह वही तारीख थी, जब ताइवान में एक विमान दुर्घटनाग्रस्‍त हुई थी। सुभाषचंद्र बोस को लेकर माना जाता रहा है कि उनका निधन उसी विमान हादसे में हुआ। हालांकि कुछ लोग यह भी मानते रहे कि हादसे में उनकी जान नहीं गई।

इस विवाद से परे देश की आजादी के आंदोलन में  'नेताजी' के योगदान को लेकर समूचा राष्‍ट्र उनके आगे नतमस्‍तक है। कृतज्ञ राष्‍ट्र आज सुभाषचंद्र बोस को उनकी पुण्‍यतिथ‍ि पर याद कर रहा है तो उनकी कई ऐसी बातें, वक्‍तव्‍य हैं, जो आज भी हमें जोश से भर देती हैं। हम यहां उनकी ऐसी ही 10 बातों का जिक्र कर रहे हैं, जो देश के लिए कुछ कर गुजरने को आज भी एक नया जोश और जज्बा पैदा कर देती हैं : 

  1. याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्‍याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।
  2. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
  3. मुझे यह नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममें से कौन -कौन जीवित बचेंगे, परंतु मैं यह जानता हूं कि अंत में विजय हमारी ही होगी।
  4. जो अपनी ताकत पर भरोसा करता है, वो आगे बढ़ता है और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं।
  5. राष्‍ट्रवाद मानवजाति के उच्‍चतम आदर्श सत्‍य, शिव और सुंदर से प्रेरित हे।
  6. अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तब जीवन का आधा स्‍वाद ही समाप्‍त हो जाता है।
  7. आजादी मिलती नहीं, बल्कि इसे छीनना पड़ता है।
  8. हमारे पास आज एक इच्‍छा होनी चाहिए- मरने की इच्‍छा, ताकि भारत जी सके। शहीद होने की इच्‍छा, ताकि स्‍वतंत्रता के मार्ग को शहीद के खून से पक्‍का किया जा सके।
  9. जीवन में कोई चीज इतनी खतरनाक नहीं, जितना डांवाडोल स्थिति में रहना।
  10. ये हमारा कर्तव्‍य है कि हम अपनी स्‍वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिलेगी, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।


 

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