कीर्ति आजाद नहीं, सुभाष चोपड़ा चुने गए दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष

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Updated Oct 23, 2019 | 20:36 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। सुभाष चोपड़ा नए अध्यक्ष बनाए गए। पहले यह कहा जा रहा था कि बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति आजाद को दिल्ली का अध्यक्ष बनाया जाएगा।

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Kirti Azad  |  तस्वीर साभार: फेसबुक

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। सुभाष चोपड़ा नए अध्यक्ष बनाए गए। पहले यह कहा जा रहा था कि बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति आजाद को दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष बनाया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कीर्ति आजाद कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली की कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित के निधन के बाद से यह पद खाली था। शीला दीक्षित का गत 20 जुलाई को निधन हो गया था।

कांग्रेस ने सुभाष चोपड़ा को अपनी दिल्ली यूनिट का अध्यक्ष और पूर्व सांसद कीर्ति आजाद को चुनाव प्रचार कमिटी का प्रमुख नियुक्त किया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से बुधवार को जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चोपड़ा और आजाद की नियुक्ति की।

गौर हो कि चोपड़ा को उनके जन्मदिन 23 अक्टूबर को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 72 वर्षीय चोपड़ा पहले भी 1998 से 2003 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। वह 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं।
उन्होंने जून 2003 से दिसंबर 2003 तक दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष की भूमिका निभाई।
 

पहले कीर्ति आजाद को दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा हुई थी, लेकिन बताया जाता है कि पार्टी के कई स्थानीय नेताओं इसका विरोध करते हुए कहा कि किसी बाहरी नेता को यह अहम जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। ऐसे में पार्टी ने उन्हें चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व क्रिकेटर आजाद ने चुनाव कैंपेन कमिटी का अध्यक्ष नियुक्त होने के साथ लंबे समय बाद दिल्ली की राजनीति में वापसी की है, हालांकि वह इस बार कांग्रेस पार्टी में हैं। इससे पहले वह भाजपा में रहते हुए 1993 से 1998 तक दिल्ली के गोल मार्केट से विधायक रहे, हालांकि 1998 के चुनाव में उन्हें शीला दीक्षित से हार का मुंह देखना पड़ा। दिल्ली विधानसभा चुनाव के हार के बाद आजाद ने बिहार की राजनीति का रुख किया और दरभंगा से सांसद रहे। उनके पिता भगवत झा आजाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे।

आजाद ने यह जिम्मेदारी मिलने पर कहा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा सोनिया गांधी जी का मैं सादर आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने मुझे दिल्ली के चुनाव के लिए प्रचार कमेटी का अध्यक्ष चुना है मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोडूंगा। साथ ही सभी दिल्लीवासियों को अपना साधुवाद देता हूं। सूत्रों का कहना है कि कुछ महीने पहले पार्टी में शामिल हुए आजाद को कांग्रेस आलाकमान ने चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाकर एक पूर्वांचली चेहरे के तौर पर पेश किया है।

चोपड़ा की नियुक्ति का स्वागत करते हुए दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ ने कहा कि सोनिया जी का फैसले का हम स्वागत करते हैं। चोपड़ा जी एक वरिष्ठ नेता हैं और उनके पास संगठन का लंबा अनुभव है। उम्मीद है कि उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी मजबूत होगी।
 

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