'BJP असली टुकड़े टुकड़े गैंग है'; सुखबीर सिंह बादल ने पुराने सहयोगी पर लगाए कई गंभीर आरोप

देश
Updated Dec 15, 2020 | 17:54 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने किसानों के आंदोलन को लेकर बीजेपी पर करारा हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी पर पंजाब में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

Sukhbir Singh Badal
सुखबीर सिंह बादल 

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पुरानी सहयोगी और किसानों के मुद्दे पर हाल ही में एनडीए से अलग हुई शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा पर पंजाब में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कृषि बिलों और किसानों के आंदोलन पर केंद्र सरकार के रुख को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्रीय एकता को तोड़ा है। उन्होंने बीजेपी को देश में असली टुकड़े टुकड़े गैंग कहा है।

बादल ने ट्वीट किया, 'भाजपा देश में असली टुकड़े टुकड़े गैंग है। इसने राष्ट्रीय एकता को टुकड़ों में तोड़ दिया, बेशर्मी से मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को उकसाया और अब अपने सिख भाइयों खासकर किसानों के खिलाफ शांतिप्रिय पंजाबी हिंदुओं को खड़ा करने के लिए बेताब है। वे देशभक्ति वाले पंजाब को सांप्रदायिक ज्वाला में धकेल रहे हैं।' 

अकाली दल भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी में से एक था और अपने गठन के बाद से एनडीए का हिस्सा था। कृषि कानूनों को लेकर किसानों की नाराजगी के बाद अकाली गठबंधन से बाहर हुआ और इसकी नेता हरसिमरत कौर बादल ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया।

इसके अलावा सोमवार को उन्होंने कई ट्वीट किए और कहा, 'एनडीए सरकार ने संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन किया है और कृषि कानून को लागू करने की राज्यों की शक्तियों को हड़प लिया। जब SAD ने संघीय ढांचे की बात की तो हमें अलगाववादी कहा गया। आज, सभी राज्य संघीय ढांचे के पक्ष में हैं। यदि कोई एनडीए सरकार से सहमत है, तो वह देश भक्त है, लेकिन यदि वह नहीं है, तो वह देशद्रोही या अतिवादी या टुकड़े टुकड़े गैंग से है। क्या प्रकाश सिंह बादल जिन्होंने अपना पद्म विभूषण वापस कर दिया या हरसिमरत कौर बादल जिन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया देशद्रोही हैं? 

उन्होंने आगे कहा, 'सबसे निंदनीय यह है कि किसान आंदोलन को सिख बनाम हिंदू संघर्ष के रूप में पेश किया जा रहा है। यह दिल्ली में शुरू हुआ और अब वही ताकतें इसे पंजाब में दोहराना चाहती हैं। SAD बहुत स्पष्ट है - पंजाब केवल शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के साथ समृद्ध होगा।'
 

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