नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पेूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। शीर्ष अदालत ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग करने वाली उनकी अर्जी खारिज कर दी। रिजवी का आरोप है कि कुरान की ये आयतें देश के कानून का उल्लंघन करने के साथ ही चरमपंथ को बढ़ावा देती हैं। अपनी जनहित याचिका में रिजवी ने आरोप लगाया है कि ये 26 आयतें 'हिंसा को बढ़ावा' देने वाली हैं और ये मौलिक कुरान का हिस्सा नहीं हैं। रिजवी का दावा है कि इन आयतों को बाद में कुरान में शामिल किया गया, इसलिए इस पवित्र ग्रंथ से इन्हें बाहर कर देना चाहिए।
मुस्लिम संगठनों के निशाने पर आए रिजवी
कुरान से इन आयतों को बाहर निकालने की मांग करने पर रिजवी के खिलाफ मुस्लिम संगठनों एवं धर्म गुरुओं ने तीखी नाराजगी जाहिर की। अपनी मांग को लेकर रिजवी ने गत 11 मार्च को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद से देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए। रिजवी के खिलाफ जम्मू-कश्मीर और बरेली में केस दर्ज हुए हैम।
रिजवी पर लगा 50 हजार रुपए का जुर्माना
मुस्लिम से जुड़े कई मसलों पर केंद्र की भाजपा सरकार का खुलकर समर्थन करने वाले रिजवी की आलोचना भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने भी की। हुसैन ने कहा, 'कुरान से 26 आयतें निकालने की रिजवी की मांग की मैं कड़े शब्दों में आलोचन करता हूं। पार्टी का स्टैंड है कि किभी धर्म के खिलाफ बेतुकी बातें करना अत्यंत निंदनीय है।' सुप्रीम कोर्ट ने रिजवी की अर्जी खारिज करते हुए उन पर 50 हजार रुपए का जुर्मानी भी लगाया है। जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने रिजवी की अर्जी पर सुनवाई की।
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